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भीषण अग्निकांड में इतिहासकार डॉ. अजय रावत की बहन की जिंदा जलकर मौत

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नैनीताल, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । बुधवार रात्रि नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में हुए भीषण अग्निकांड ने पूरे नगर को हिला दिया। इस अग्निकांड में प्रतिष्ठित इतिहासकार व पर्यावरणविद् डॉ. अजय रावत की 81 वर्षीय बहन, पूर्व शिक्षिका शांता बिष्ट पत्नी एचएस बिष्ट की जिंदा जलकर मौत हो गयी।

वह 1863 में बने ऐतिहासिक भवन ‘ओल्ड लंदन हाउस’ में अपने पुत्र निखिल बिष्ट के साथ रहती थीं। बताया गया कि आग लगभग 9.45 बजे के आसपास लगी। निखिल शुरुआत में ही बाहर निकल आया था, लेकिन उसकी माँ शांता के भीतर होने को लेकर काफी देर तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। अंततः आग बुझने के बाद लगभग साढ़े 12 बजे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अग्निशमन कर्मियों ने उन्हें बुरी तरह से जली हुई मृत अवस्था में भवन के भीतर से बरामद किया।

शिक्षिका रहीं स्वर्गीय शांता बिष्ट

स्वर्गीय शांता बिष्ट नगर पालिका द्वारा संचालित माल रोड स्थित नर्सरी विद्यालय में शिक्षिका रहीं थीं। पहले उनके साथ उनकी बहन कर्णप्रिया रावत भी इसी भवन में रहती थीं, जिनका कोरोना काल में निधन हो गया था। इसके बाद वह अपने पुत्र निखिल के साथ यहां रह रही थीं। गुरुवार सुबह पुलिस ने बीडी पांडे जिला चिकित्सालय शवगृह में पंचनामे की कार्यवाही पूर्ण कर शव को पोस्टमॉर्टम हेतु भेजा। इस दौरान उनके भाई डॉ. अजय रावत, भाभी, पद्मश्री अनूप साह, इतिहासकार डॉ. शेखर पाठक सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

वेल्डिंग की चिंगारी या शॉर्ट सर्किट को माना गया कारण

मंडल मुख्यालय के समीप स्थित यह भवन बाजार से सटा हुआ और तीन ओर से खुला था। अनुमान है कि आग वेल्डिंग के दौरान निकली चिंगारी अथवा बिजली की लाइन में हुए शॉर्ट सर्किट से फैली। नैनीताल जनपद के मुख्य अग्निशमन अधिकारी गौरव किरार ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिये नैनीताल, भवाली, हल्द्वानी, रामनगर, उधमसिंह नगर और अल्मोड़ा से लगभग 15 से अधिक अग्निशमन वाहन जुटाये गये। साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासनिक अमले के साथ स्थानीय लोग भी आग बुझाने में लगे। इससे आग को बाजार के बड़े हिस्से तक फैलने से रोका जा सका। कई गैस सिलेंडर भी समय रहते बाहर निकाले गये।

फायर सर्विस की कार्यशैली पर सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि फायर स्टेशन पास में होने के बावजूद फायर टेंडर मुख्य मार्ग से न आकर हाईकोर्ट तिराहे से होकर पहुंचे। ‘वन-वे व्यवस्था’ के कारण यही मार्ग निर्धारित था, लेकिन इस देरी के चलते आग पर शुरुआती नियंत्रण नहीं हो सका। शुरुआती समय में पानी की भी भारी कमी रही। अग्निशमन कर्मी फायर हाइड्रेंटों की सही स्थिति से अनभिज्ञ बताये गये और पानी देर से उपलब्ध हुआ। इस कारण बचाव कार्य प्रभावित हुआ और वृद्ध महिला को नहीं बचाया जा सका।

बगल के प्रतिष्ठानों को भी लाखों का नुकसान

आग ने न केवल बिष्ट परिवार का घर निगल लिया बल्कि बगल के दो प्रतिष्ठान भी पूरी तरह खाक हो गये। आनंद जोशी के ‘स्नाउट एडवेंचर’ ट्रेकिंग व पर्वतारोहण संस्थान के लगभग 20–25 वर्षों से संचित 8 से 10 लाख रुपये मूल्य के कम्प्यूटर, टेंट, रुकसेक व उपकरण जलकर राख हो गये। वहीं गायत्री खाती के ‘गायत्री मेकओवर’ ब्यूटी पार्लर में 14 से 15 लाख का नुकसान हुआ। गायत्री ने बताया कि नगदी 80 से 90 हजार रुपये, कुर्सियां, 5 लाख रुपये की मेकअप किट और हाल ही मंगाये गये महंगे कैमिकल भी आग की भेंट चढ़ गये।

इस अग्निकांड ने नैनीताल नगर को गहरे दु:ख की स्थिति में डाल दिया है। प्रशासन ने कारणों की जांच और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव हेतु रणनीति बनाने की बात कही है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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