लखनऊ, 4 मई . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसहभागिता से उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों क्षेत्रों की लगातार तस्वीर बदल रहे हैं. उत्तर प्रदेश के जिन गांवों में कभी लोग जाने से कतराते थे, आज सीएम योगी के मार्गदर्शन में पिछले आठ वर्षों में इन गांवों की तस्वीर पूरी तरह से बदल गयी है. उत्तर प्रदेश के गांव विकास के मॉडल के रूप में उभरकर सामने आए हैं. सीएम योगी के प्रयासों का असर है कि आज यह गांव शहरों को मात दे रहे हैं. सीएम योगी के नेतृत्व और सरकार की सक्रिय सहभागिता से हरदोई में शुरू हुआ समुदाय कार्यक्रम, आज पूरे प्रदेश के लिए मॉडल बन चुका है. अब इस समुदाय मॉडल को पूरे प्रदेश में विस्तारित करने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. इसके तहत समुदाय कार्यक्रम को अगले पांच वर्षों के लिए विस्तारित किया गया है.
हरदाई जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसहभागिता से उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने के लिए प्रयासरत हैं. उनका यह प्रयास रंग ला रहा है. उन्होंने बताया कि सीएम योेगी के मार्गदर्शन में हरदोई के ग्रामीण इलाकों में एचसीएल फाउंडेशन की ओर से समुदाय कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. सीएम योगी की दूरदर्शी सोच और शासन की भागीदारी से समुदाय कार्यक्रम ने न केवल हरदोई के ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदली है, बल्कि ग्रामीण विकास मॉडल बन चुका है.
डीएम मंगला प्रसाद ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में व्यापक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की आधारशिला रखी है. इसे ही ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने अगले पांच वर्षों के लिए समुदाय को विस्तार दिया है. इसे अब उत्तर प्रदेश के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में भी लागू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि समुदाय के तहत कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, पर्यावरण और जल-स्वच्छता जैसे क्षेत्रों में ग्रामीण जीवन को सशक्त बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि समुदाय की शुरुआत हरदोई के महज 10 ग्राम पंचायतों और 25 हजार लोगों से हुई थी, जो आज 11 ब्लॉकों की 524 ग्राम पंचायतों तक विस्तारित हो चुकी है और 29 लाख से अधिक ग्रामीणों को सीधे लाभ पहुंचा रही है.
समुदाय कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्ट आलोक वर्मा ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) को 524 पंचायतों में लागू किया गया, जिससे स्थानीय प्रशासन और योजना निर्माण में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित हुई. उन्होंने बताया कि समुदाय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल लिट्रेसी, कोडिंग एंड कंप्यूटेशनल (डीएलसीसी) और एआई के जरिये 47,000 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है. वहीं 30,000 से ज्यादा बच्चों को डिजिटल साक्षरता, कोडिंग व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शिक्षा दी गई. हरदोई में 100 स्मार्ट आंगनवाड़ियों और 814 आधुनिक कक्षाओं के ज़रिये लगभग 1.45 लाख बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है. इतना ही नहीं, महिलाओं की आजीविका सशक्तीकरण के लिए 31,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को विभिन्न आय सृजन गतिविधियों से जोड़ा गया है. इनमें डेयरी, पोल्ट्री फॉर्म, बुनकरी, चिकनकारी जैसे पारंपरिक कौशल शामिल हैं. इसके अलावा हरदोई किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एफपीओ के जरिये किसान उत्पादक संगठनों ने 32.68 करोड़ रुपये का कारोबार किया है. इससे सैकड़ों किसानों को अपने प्रोडेक्ट का बेहतर मूल्य प्राप्त हुआ है.
आठ लाख से अधिक ग्रामीणों ने उठाया टेलीमेडिसिन की सुविधा का लाभ
समुदाय के तहत ग्रामीण इलाकों के 8.9 लाख से अधिक लोगों को टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. इसके अलावा 2,15,000 से अधिक बच्चों की पोषण जांच की गयी. इसका नतीजा है कि किशोरों में एनीमिया दर में 22 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है. जैसे नतीजे दर्शाते हैं कि यह पहल ग्रामीण स्वास्थ्य क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. वहीं सौर ऊर्जा आधारित 32 मिनी ग्रिड्स, 186 संस्थानों में सोलर पैनल और 44 सोलर सिंचाई पंप लगाए गए हैं. इसके साथ ही 18 ग्राम तालाबों का पुनरुद्धार और 37,000 से अधिक लोगों को स्वच्छ पेयजल व जल निकासी सेवाएं प्रदान कराई गई है.
/ मोहित वर्मा
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