मुंबई, 29 मई . रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की परिसंपत्ति के रूप में रखे गए सोने (स्वर्ण जमा सहित) का मूल्य 31 मार्च, 2025 तक 57.12 फीसदी बढ़कर 4,31,624.8 करोड़ रुपये हो गया है. इसकी वजह सोने की मात्रा में 54.13 टन की वृद्धि और इसकी कीमतों में बढ़ोतरी रही है. बैंकिंग विभाग की परिसंपत्ति के रूप में रखे गए सोने का मूल्य 31 मार्च, 2024 तक 2,74,714.27 करोड़ रुपये था.
आरबीआई ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 31 मार्च, 2025 तक केंद्रीय बैंक के पास कुल सोना 879.58 टन था, जबकि 31 मार्च, 2024 तक यह 822.10 टन था. यह इससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में सोने की मात्रा में 57.48 टन की वृद्धि को दर्शाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च, 2025 तक 879.58 टन में से 311.38 टन सोना निर्गम विभाग की परिसंपत्ति के रूप में रखा गया, जबकि 31 मार्च, 2024 तक निर्गम विभाग के पास 308.03 टन सोना रखा गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग विभाग की परिसंपत्ति के रूप में 31 मार्च, 2025 तक शेष 568.20 टन सोना रखा गया, जबकि 31 मार्च, 2024 तक यह 514.07 टन था. रिजर्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि बैंकिंग विभाग की परिसंपत्ति के रूप में रखे गए सोने (स्वर्ण जमा सहित) का मूल्य 57.12 फीसदी बढ़कर 31 मार्च, 2025 तक 4,31,624.80 करोड़ रुपये हो गया. यह 31 मार्च, 2024 तक 2,74,714.27 करोड़ रुपये था. रिपोर्ट में कहा गया कि सोने की मात्रा में 54.13 टन की वृद्धि…सोने की कीमत में तेजी और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के मूल्यह्रास की वजह से हुई है.
इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक नोटों की छपाई के खर्च में एक-चौथाई वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक नोट की छपाई पर होने वाला खर्च सालाना आधार पर करीब 25 फीसदी बढ़कर 6,372.8 करोड़ रुपये हो गया है. आरबीआई का 31 मार्च, 2025 तक बही-खाते का आकार सालाना आधार पर 8.20 फीसदी बढ़कर 76.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसके दम पर ही केंद्र सरकार को आरबीआई की ओर से 2.69 लाख करोड़ रुपये का भारी लाभांश दिया गया है.
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/ प्रजेश शंकर
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