नई दिल्ली, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने केंद्र सरकार से वेतन संहिता और सामाजिक सुरक्षा संहिता को तत्काल लागू करने की मांग की है। बीएमएस की 159वीं केंद्रीय कार्य समिति की बैठक में ये मांग की गई।
भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री रविन्द्र हिमते ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि बीएमएस की केंद्रीय कार्यसमिति (केंद्रीय कार्यकारिणी) की बैठक 22 से 24 अगस्त, 2025 तक भोपाल में आयोजित की गई। यह बैठक अखिल भारतीय अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या की अध्यक्षता में हुई, जिसका संचालन अ.भा. महामंत्री रवींद्र हिमते ने किया। इस बैठक में तीन प्रस्तावों को पारित किया गया।
उन्होंने बातया कि केंद्रीय कार्यकारिणी ने इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। साथ ही भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, सर्वोच्च त्रिपक्षीय समिति, भारतीय श्रम सम्मेलन (आईएलसी) का जल्द से जल्द आयोजन की मांग की। हिमते ने कहा कि वेतन संहिता और सामाजिक सुरक्षा संहिताएं ऐतिहासिक हैं और आम श्रमिकों के लिए ज्यादा लाभकारी हैं। इसलिए भारतीय मजदूर संघ लगातार इनके तत्काल क्रियान्यवन पर जोर दे रहा है।
रवींद्र हिमते ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ औद्योगिक संबंध संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य तथा कार्यदशा संहिता में श्रमिक हितों के विरुद्ध होने के कारण दोनों संहिताओं का विरोध कर रहा है। भारतीय मजदूर संघ का अनुरोध है कि भारत सरकार त्रिपक्षीय सहयोगियों को विश्वास में लेकर चरणबद्ध तरीके से श्रम संहिताओं को लागू करे। चारों श्रम संहिताओं को लागू करने में कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय श्रम सम्मेलन (आईएलसी) सन 2015 में आयोजित किया गया था। उसके बाद यह आयोजित नहीं किया गया। आईएलसी श्रम मंत्रालय के अंतर्गत सर्वोच्च त्रिपक्षीय समिति है. जो भारतीय लोकतंत्र के सर्वोत्तम योगदानों में से एक है। हिमते ने कहा कि 2015 के बाद श्रम जगत के कई आयामों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, डिजिटल अवसंरचना और डिजिटल परिवर्तन ने सामाजिक जीवन और आर्थिक परिदृश्य में कई बदलाव लाए हैं। इस सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था में श्रम मुद्दों पर चर्चा करने की तत्काल आवश्यकता है। श्रम मंत्रालय भारत सरकार को चाहिए। इसकी पहल करनी चाहिए और यथाशीघ्र अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (आईएलसी) का आयोजन करना।
रवींद्र हिमते ने कहा कि केंद्रीय कार्यसमिति ने कौशल विकास योजना के तहत ठेका श्रमिकों को नियमित करने हेतु हरियाणा सरकार के निर्णय का स्वागत किया और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायव सिंह सैनी के प्रति आभार व्यक्त किया। केंद्रीय कार्यसमिति ने आईसीडीएस योजना के तहत महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई फैस रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) को लेकर अपनी आशंकाएं व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा कि क्रिर्यान्वयन स्तर पर कई व्यावहारिक समस्याओं के कारणए एफआरएस ने देशभर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए कई कठिनाइयों दी हैं। यह जिला स्तर के अधिकारियों दद्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को परेशान करने का एक और हथियार बन गया है। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने सरकार से इस असंतुलित नीति को वापस लेने की मांग की है।
हिमते ने कहा कि केंद्रीय कार्यसमिति ने फरवरी 2026 के पहले सप्ताह में पुरी उड़िसा में अपना 20वां अखिल भारतीय अधिवेशन आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसमें 42 औद्योगिक महासंर्धा और 28 राज्य इकाइयों के लगभग 2,500 चयनित प्रतिनिधि भाग लेंगे।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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