नई दिल्ली, 07 मई . देशभर में बुधवार को कई प्रमुख स्थानों पर ब्लैकआउट मॉक ड्रिल की गई. यह अभ्यास गृह मंत्रालय के निर्देश पर किया गया. इसका उद्देश्य आपात स्थिति से निपटने की तैयारी की जांच करना था.
दिल्ली के राष्ट्रपति भवन और विजय चौक से लेकर पटना के राज भवन तक कई अहम इमारतों की बिजली कुछ समय के लिए काट दी गई. ब्लैकआउट देश की सुरक्षा व्यवस्था और प्रतिक्रिया क्षमता को जांचने का एक उपाय है.
ड्रिल में राजधानी दिल्ली सहित देश के प्रमुख शहर शामिल हुए. इसमें राजस्थान का बाड़मेर, मध्य प्रदेश का ग्वालियर, गुजरात का सूरत, हिमाचल प्रदेश का शिमला और बिहार का पटना शहर प्रमुख रहा.
सुबह से ही देश के बड़े शहरों में मॉक ड्रिल चल रही थी. दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, जयपुर और ग्वालियर में सुरक्षाबलों और प्रशासन ने समन्वय कर विभिन्न आपात परिदृश्यों का अभ्यास किया.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के अनुसार ब्लैकआउट एक्शन प्लान नागरिक सुरक्षा तैयारियों का महत्वपूर्ण घटक है. आपातकालीन या प्रतिकूल परिस्थितियों के दौरान शांत और तैयार रहना राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है. नियमित अभ्यास और ऐसी योजनाओं के बारे में जागरूकता नागरिकों को महत्वपूर्ण परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने में मदद कर सकती है.
भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार सुबह ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया. इस कार्रवाई में पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया. इससे आज के ब्लैकआउट और मॉकड्रिल की अहमियत और बढ़ जाती है.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत आज भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कड़ा जवाब दिया. आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी.
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/ अनूप शर्मा
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