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उत्तराखंड में 12 सौ करोड़ की पर्यटन योजना में हुआ निवेश, बढ़े रोजगार के अवसर: पर्यटन मंत्री

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देहरादून, 8 नवंबर (Udaipur Kiran) . राज्य स्थापना की 25 वर्ष की विकास यात्रा में पर्यटन विभाग ने तेजी से प्रगति की है. पर्यटन क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं व प्रदेश में तमाम पर्यटक सुविधाओं का लगातार विस्तार हुआ है. पर्यटन सेक्टर में निजी पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए नई पर्यटन नीति 2023-30 लागू होने के बाद राज्य में पर्यटन क्षेत्र में 1200 करोड़ की परियोजनाओं पर निजी निवेशकों ने कार्य प्रारंभ किया है.

राज्य स्थापना की रजत जयंती पर प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने Saturday को मीडिया से यह जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के समय वर्ष 2000 में जहां राज्य में 110.79 लाख देसी और 56,766 लाख विदेशी पर्यटक Uttarakhand आये. वहीं वर्ष 2024 तक राज्य में 593.74 लाख देसी और 177 लाख विदेशी सहित कुल 596 लाख पर्यटक Uttarakhand की धरती पर आये. वर्ष 2000 में जहां राज्य में विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा एवं हेमकुंड यात्रा पर 16,19,961 आये, वहीं 2025 में 59 लाख श्रद्धालु और पर्यटकों का Uttarakhand में आगमन हुआ है.

पर्यटन मंत्री ने कहा कि 2013 में आई केदारनाथ त्रासदी के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देशों से राज्य सरकार ने केदारनाथ धाम में 225 करोड़ के पुनर्निर्माण कार्य करवाए हैं. जबकि 191 करोड़ के कार्य अभी भी चल रहे हैं. इसी प्रकार बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्पिरिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने चरणबद्ध रूप से केन्द सरकार के विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों से 273 करोड़ के सीएसआर फंड से कार्य करवाए जा रहे हैं.

महाराज ने कहा कि राज्य में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत पर्यटन व्यवसाय के लिए अधिकतम 33 लाख तक के अनुदान का प्रावधान किया गया है. दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना के अंतर्गत अधिकतम 15 लाख के अनुदान का प्रावधान किया गया है. इसी योजना से अब तक 1118 लोग लाभन्वित भी हो चुके हैं. राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं Chief Minister पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में शीतकालीन यात्रा के साथ साथ सहासिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है.

आदि कैलाश यात्रा को सरल, सुगम और व्यवस्थित बनाने पर जोर दिया जा रहा है. हमारा प्रयास है कि भारत की धरती लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के दर्शन हो सक,ें इसके लिए भी कार्य योजना तैयार की जा रही है. Uttarakhand सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में राज्य की जीडीपी को दोगुना करना है, जिसमें पर्यटन क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान होगा. पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं को विभिन्न प्रकार के कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत अतिथ्य सत्कार, टूरिस्ट डेस्टिनेशन गाइड, टूर मैनेजर, एस्ट्रो टूर गाइड, स्ट्रीट फूड वेंडर आदि में 8,000 से अधिक युवक एवं युवतियों को रोजगार से जोड़ा गया है.

राज्य में पर्यटन सर्किटों की स्थापना एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को पर्यटन सुविधाओं से जोड़ना है. राज्य सरकार ने शाक्त, शैव और वैष्णव सर्किटों के अलावा विवेकानंद सर्किट, गोल्ज्यू सर्किट, गुरुद्वारा सर्किट, नवग्रह सर्किट, नागराजा सर्किट, हनुमान सर्किट और महासू देवता सर्किट जैसे कई पर्यटन सर्किटों की स्थापना की है.मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत 16 प्राचीन मंदिरों को पर्यटन सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है, जिससे कुमाऊं क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा. सरकार मानसखंड मंदिर माला मिशन की तरह ही केदारखण्ड मंदिर माला मिशन योजना को भी धरातल पर उतारने का प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा कि देहरादून से मसूरी, गोविन्द घाट से हेमकुण्ड साहिब तथा सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे के निर्माण की कार्यवाही गतिमान है. जनपद देहरादून के ग्राम हनोल में महासू देवता के लिए 120 करोड़ की धनराशि से मास्टर प्लान तैयार कर अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. जनपद चमोली के अन्तर्गत भारत के प्रथम गांव माणा एवं उत्तरकाशी के जादुंग गांव को वाईब्रेट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा नीति गांव के समीप टिम्मर सैंण महादेव को अमरनाथ की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है.

जनपद उत्तरकाशी में ऐतिहासिक गर्तंग गली को 59 वर्षों बाद जीर्णाेद्धार एवं नवीनीकरण के बाद पर्यटकों के लिए खोला गया है. Indian पर्यटन अवस्थापना के लिए एक ऐतिहासिक पहल करते हुए ऋषिकेश के गुलर में ष्द बिग ब्रिज होटलष् का निर्माण किया गया है. चारधाम यात्रा मार्ग पर अनुपयोगी हो चुके पुराने पुलों को पर्यटक सुविधाओं की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है. कैबिनेट ने पहले चरण में टिहरी, चमोली और रूद्रप्रयाग जिलों में तीन पुलों पर रेस्टोरेंट, पार्किंग और शौचालय बनाने की मंजूरी दी है. उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् के माध्यम से इन पुलों को पर्यटक सुविधाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा राज्य में सरकार की योजना विभिन्न पर्यटन गंतव्य को विकसित करने की भी है जिससे पर्यटक Uttarakhand का रुख कर सकें.

(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल

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