नेपाल में केपी शर्मा ओली सरकार के तख्तापलट के बाद उपजे राजनीतिक संकट के बीच, अंतरिम सरकार के मुखिया को लेकर चल रही रस्साकशी ने एक नया मोड़ ले लिया है. जहां पहले काठमांडू के मेयर बलेंद्र ‘बालेन’ शाह और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम चर्चा में थे, वहीं अब एक चौंकाने वाला नाम सामने आया है: कुल मान घिसिंग. प्रदर्शनकारी युवाओं ने, जिन्हें Gen-Z कहा जा रहा है, उन्हें 'देशभक्त और सबका चहेता' बताते हुए अंतरिम सरकार की कमान सौंपने का फैसला किया है.
Gen-Z का चौंकाने वाला फैसलागुरुवार दोपहर Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर बताया कि उन्होंने छह घंटे की लंबी वर्चुअल बैठक के बाद यह फैसला लिया है. बैठक में बालेन शाह और सुशीला कार्की के नामों पर भी गंभीरता से विचार किया गया, लेकिन आखिरकार घिसिंग के नाम पर सहमति बनी. यह फैसला कई लोगों के लिए अप्रत्याशित है, क्योंकि घिसिंग का नाम राजनीतिक गलियारों में उस तरह से सक्रिय नहीं रहा है, जिस तरह से अन्य उम्मीदवारों का रहा है.
बालेन शाह ने ठुकराया प्रस्ताव, सुशीला कार्की पर मतभेदNDTV सूत्रों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने सबसे पहले बालेन शाह को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने का प्रस्ताव दिया था. अपनी रैपर पृष्ठभूमि और युवाओं के बीच लोकप्रियता के कारण, बालेन को Gen-Z का एक करीबी और विश्वसनीय चेहरा माना जाता है. उन्होंने हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सोशल मीडिया पर शांति बनाए रखने की अपील भी की थी, जिससे उनकी छवि और भी मजबूत हुई. हालांकि, बालेन ने इस जिम्मेदारी को लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों के बीच मतभेद की खबरें सामने आईं.
बालेन के इनकार के बाद, सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम सामने आया. हालांकि, उनके नाम पर भी सभी सहमत नहीं थे. कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनकी उम्र (73 साल) और नेपाल के संविधान का हवाला देते हुए उनका विरोध किया. उनका तर्क था कि नेपाल का संविधान पूर्व न्यायाधीशों को प्रधानमंत्री बनने से रोकता है. इस बहस ने कुल मान घिसिंग के नाम को और भी मजबूती दी, क्योंकि वे दोनों ही उम्मीदवारों के मुकाबले एक बेहतर विकल्प साबित हुए.
कुल मान घिसिंग: 'बिजली संकट के मसीहा'कुल मान घिसिंग नेपाल में एक ऐसा नाम है, जिसे लोग बेहद सम्मान से देखते हैं. उन्होंने नेपाल विद्युत प्राधिकरण के प्रमुख के रूप में देश के दशकों पुराने बिजली संकट को खत्म करने में एक क्रांतिकारी भूमिका निभाई थी. उनकी कुशल कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सख्त नीति ने उन्हें नेपाल की जनता का 'मसीहा' बना दिया. प्रदर्शनकारी उन्हें एक ऐसे शख्स के रूप में देखते हैं जो नेपाल के राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचे में नया जोश और पारदर्शिता ला सकता है.
घिसिंग का चयन इस बात का भी संकेत है कि नेपाल की युवा पीढ़ी अब पुराने और पारंपरिक राजनेताओं से ऊब चुकी है. वे ऐसे नेता चाहते हैं जो वास्तव में काम करें और समस्याओं का समाधान निकालें, न कि सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी करें. घिसिंग की छवि एक तकनीकी विशेषज्ञ और एक समस्या-समाधानकर्ता की है, जो नेपाल के वर्तमान संकट को देखते हुए एक आदर्श विकल्प प्रतीत होता है.
आगे की राह: अनिश्चितता और उम्मीदकुल मान घिसिंग का नाम अंतरिम सरकार के लिए सामने आना नेपाल की राजनीति में एक नया अध्याय खोलता है. यह दर्शाता है कि युवा पीढ़ी अब सत्ता की बागडोर सीधे तौर पर अपने हाथ में लेना चाहती है, और वे ऐसे नेताओं को चुन रहे हैं जो उनकी उम्मीदों पर खरे उतरते हैं. हालांकि, यह देखना बाकी है कि क्या नेपाल की राजनीतिक पार्टियाँ और सेना भी इस फैसले पर सहमत होंगे. घिसिंग के सामने सबसे बड़ी चुनौती न केवल अंतरिम सरकार चलाना होगा, बल्कि देश में शांति और स्थिरता बहाल करना और नए चुनाव कराना भी होगा.
इस फैसले ने नेपाल के भविष्य को लेकर उम्मीद और अनिश्चितता दोनों पैदा कर दी हैं. एक तरफ, यह एक नए और बेहतर नेपाल की उम्मीद जगाता है, जहां योग्यता और देशभक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी. दूसरी तरफ, यह इस बात का भी संकेत देता है कि राजनीतिक संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है, और घिसिंग को अपनी राह में कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. नेपाल के लोग, खासकर Gen-Z, अब एक ऐसे नेता की ओर देख रहे हैं जो देश को इस संकट से बाहर निकाल सके और एक स्थिर और समृद्ध भविष्य की नींव रख सके.
You may also like
Cricketer Rinku Singh Receives Threat From D Company : भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को डी कंपनी के नाम से मिली धमकी, मांगी गई फिरौती
अभिनेता Vijay के घर बम की धमकी, तलाशी में हुआ ये खुलासा
'सात युद्ध रोकने' के लिए ट्रंप को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार? व्हाइट हाउस पोस्ट से संकेत! अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद क्या कहा?
Politics in UP: मायावती ने की योगी सरकार की तारीफ तो अखिलेश ने कह दिया सांठगांठ जारी, मचा बवाल
अनुपम खेर ने दिखाए तीन अलग-अलग किरदार, प्रशंकों ने की तारीफ!