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महिला फाउंडर ने 'ल्यूसिड ड्रीमिंग' का इस्तेमाल कर रात में भी स्टार्टअप की समस्याओं का हल निकाला, सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक अनोखी और चौंकाने वाली कहानी वायरल हो रही है, जिसमें बताया जा रहा है कि एक महिला फाउंडर ने अपने स्टार्टअप की समस्याओं को सुलझाने के लिए "ल्यूसिड ड्रीमिंग" (Lucid Dreaming) का उपयोग किया। यह कहानी शेयर की है Meta और Google के पूर्व कर्मचारी एंड्रयू येंग ने, जिसने इस तकनीक के जरिए 24 घंटे काम करने की नई परिभाषा पेश की है।

'ल्यूसिड ड्रीमिंग' का प्रभाव

एंड्रयू येंग ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि एक महिला फाउंडर ने 'ल्यूसिड ड्रीमिंग' का इस्तेमाल करना शुरू किया। इस प्रक्रिया में व्यक्ति अपने सपनों को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकता है, यानी वह यह जानता है कि वह सपना देख रहा है और इसे अपनी इच्छा अनुसार बदल भी सकता है। महिला फाउंडर ने इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हुए सोते वक्त अपने स्टार्टअप के मुद्दों का समाधान ढूंढ लिया और काम के दबाव को कम किया।

येंग के अनुसार, इस महिला फाउंडर ने अपनी नींद के दौरान ऐसे समाधान खोजे जो कामकाजी घंटों में संभव नहीं हो पाते थे। "वह सोते हुए भी अपनी कंपनी के बारे में सोचती थी और उसे यह एहसास हुआ कि रात में अपने सपनों का इस्तेमाल करके स्टार्टअप की समस्या को हल किया जा सकता है," येंग ने कहा।

24 घंटे काम करने की यह कहानी बनी बहस का मुद्दा

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यह खुलासा सामने आने के बाद इंटरनेट पर बहस छिड़ गई है। कई लोग महिला फाउंडर की इस असाधारण कहानी से प्रेरित हो रहे हैं, तो वहीं कुछ इसे 'खतरनाक' और 'अत्यधिक काम करने के दबाव' के रूप में देख रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि 24 घंटे काम करने का यह तरीका सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, और यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

वहीं, कुछ लोगों ने इसे एक नई और क्रिएटिव सोच की शुरुआत माना। वे कहते हैं कि अगर इस तकनीक को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह नई कार्यप्रणाली को जन्म दे सकती है और कार्यकुशलता को भी बढ़ा सकती है।

'ल्यूसिड ड्रीमिंग' की बढ़ती लोकप्रियता

‘ल्यूसिड ड्रीमिंग’ तकनीक हाल के कुछ वर्षों में बहुत चर्चा में है। यह तकनीक एक मानसिक अवस्था है जिसमें व्यक्ति जागते हुए सपनों को नियंत्रित कर सकता है। इसे एक गहरे ध्यान (meditation) और मानसिक जागरूकता के जरिए सीखा जा सकता है। कई लोग इसे अपनी रचनात्मकता को बढ़ाने, तनाव को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी मानते हैं।

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