कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव के बीच एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि राज्य में “वोट चोरी की साजिश” चल रही है और हजारों कांग्रेसी तथा महागठबंधन समर्थक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटे गए हैं। राहुल गांधी ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला बताया है और चुनाव आयोग से तत्काल जांच की मांग की है।
राहुल गांधी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “बिहार में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। हजारों कांग्रेस और महागठबंधन समर्थकों के नाम वोटर लिस्ट से गायब कर दिए गए हैं। यह मताधिकार छीनने की साजिश है और चुनाव आयोग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद राज्य की सियासत में हलचल मच गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी आरोप लगाया कि कई विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस समर्थक इलाकों के मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस संबंध में चुनाव आयोग को औपचारिक शिकायत भेजी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश
इस आरोप के बाद बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में गहरा आक्रोश है। पटना, गया, दरभंगा और भागलपुर समेत कई जिलों में कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन करते हुए चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाज़ी की। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कदम मतदाताओं की आवाज़ को दबाने की साजिश है।
भाजपा और एनडीए का पलटवार
वहीं, भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के आरोपों को “बेबुनियाद और राजनीतिक ड्रामा” करार दिया है। बिहार भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि “राहुल गांधी हार के डर से पहले ही बहाने तलाश रहे हैं। चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और मतदाता सूची पूरी पारदर्शिता से तैयार की गई है।”
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
इस बीच, चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि मतदाता सूची से नाम काटने की प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी और निर्धारित नियमों के तहत होती है। यदि किसी का नाम गलती से हट गया है, तो संबंधित व्यक्ति फॉर्म-6 भरकर पुनः पंजीकरण करा सकता है। आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि वे इस तरह की शिकायतों की जांच करें और सत्यापित रिपोर्ट भेजें।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान चुनावी माहौल को गर्म कर सकता है। बिहार में पहले से ही कड़ा मुकाबला चल रहा है और ऐसे आरोप विपक्ष को राजनीतिक मुद्दा उठाने का अवसर दे सकते हैं।
फिलहाल, राहुल गांधी के आरोपों ने बिहार के चुनावी समर में “मतदाता सूची विवाद” को केंद्र में ला दिया है। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या वाकई मतदाता सूची में किसी स्तर पर अनियमितता पाई जाती है या नहीं।
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