सोमवार रात इंदौर के जवाहर मार्ग स्थित दौलतगंज इलाके में एक बड़ा हादसा हुआ। झंडा चौक के पास स्थित तीन मंजिला (जी प्लस-2) इमारत अचानक भरभरा कर गिर गई। हादसे के समय इमारत में करीब छह परिवार मौजूद थे। इमारत गिरते ही इलाके में चीख-पुकार और भगदड़ मच गई।
इस हादसे में 13 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और 1 व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत मदद के लिए पहुंचकर फंसे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन मलबा हटाने के उपकरण और साधन न होने के कारण उन्हें तुरंत राहत पहुंचाना मुश्किल हो गया।
सूचना मिलते ही नगर निगम की रिमूवल टीम, पुलिस और आपातकालीन सेवाएं घटनास्थल पर पहुंचीं। टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया और मलबे के नीचे दबे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया। घायल लोगों को पास के अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
हादसे के समय इमारत में कई परिवार मौजूद थे, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि इमारत में कई सालों से संरचनात्मक कमी थी और यह पुराने निर्माण की वजह से अस्थिर हो गई थी। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि भविष्य में ऐसे पुराने और असुरक्षित भवनों की समय पर जांच कर उन्हें सुरक्षित बनाया जाए।
नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि इमारत गिरने के कारण प्रारंभिक रूप से यह माना जा रहा है कि संरचनात्मक कमजोरी और मरम्मत की कमी प्रमुख कारण हो सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे असुरक्षित भवनों में रहने से बचें और किसी भी संदेहास्पद संरचना की सूचना तुरंत नगर निगम को दें।
पुलिस और आपातकालीन सेवाओं ने इलाके को घेर लिया और आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया। रेस्क्यू टीम ने मलबे के ढेर में फंसे लोगों को निकालने के लिए क्रेन और अन्य भारी उपकरणों का उपयोग किया।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि हादसे के समय इलाके में डर और हड़कंप मच गया था। उन्होंने बताया कि लोगों ने अपने पड़ोसियों की मदद के लिए हाथ-पांव मारकर फंसे लोगों को बचाने का प्रयास किया। प्रशासन और स्थानीय लोगों के संयुक्त प्रयास से कई लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया।
विशेषज्ञों ने कहा कि शहर में पुराने निर्माणों की नियमित जांच और संरचनात्मक मजबूती सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। इसके बिना ऐसे हादसे किसी भी समय हो सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि भविष्य में सभी पुराने और असुरक्षित भवनों की सूची तैयार कर उन्हें समय पर सुधार या खाली करवा लिया जाए।
इस हादसे ने इंदौर में सुरक्षा और निर्माण मानकों के पालन पर एक बार फिर सवाल खड़ा किया है। प्रशासन और नगर निगम ने आश्वासन दिया है कि मृतक के परिवार को उचित सहायता प्रदान की जाएगी और घायल लोगों का इलाज सर्वोत्तम सुविधाओं के तहत किया जाएगा।
You may also like
मणिपुर में दो उग्रवादी और हथियार तस्कर गिरफ्तार, आईईडी बनाने का सामान बरामद
India Post Office Scheme- पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में एक बार करें 4.5 लाख निवेश और 5 साल बाद मिलेगा 1.6 लाख ब्याज, जानिए इस स्कीम के बारे में
लद्दाख में हिंसा: केंद्र ने सोनम वांगचुक को ज़िम्मेदार ठहराया, कहा- जेन ज़ी का ज़िक्र कर भड़काया
CDS General Anil Chauhan On 1962 War : 1962 के युद्ध में अगर भारतीय वायुसेना का इस्तेमाल किया होता तो…सीडीएस जनरल अनिल चौहान का बड़ा दावा
PM Surya Ghar Yojana- पीएम सूर्य घर योजना में नया मीटर लगाना जरूरी हैं क्या, आइए देखते हैं नियम क्या कहता हैं