जयपुर। यमुना जल समझौते के तहत ताजे वाला हेड (हथिनीकुण्ड बैराज) से यमुनाजल लाने हेतु प्रवाह प्रणाली कार्य योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग एवं त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार गम्भीर है। इसी क्रम में जल संसाधन विभाग द्वारा अलग से अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता, यमुना जल का नवीन पद सृजित किया गया है। ये बात मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को पिलानी स्थित केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान में यमुना जल समझौते की प्रगति की समीक्षा करते हुए कही है।
सीएम भजनलाल ने इस दौरान कहा कि योजना के क्रियान्वयन हेतु संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समझौते को मूर्त रूप देने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट मिशन मोड पर कार्य करते हुए शीघ्र तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि परियोजना के कार्यों में विश्व स्तरीय मापदंड अपनाए जाएं। इस हेतु उच्चस्थ तकनीकी संस्थाओं जैसे बिट्स पिलानी, आईआईटी का सहयोग भी लिया जाए। भजनलाल शर्मा ने कहा कि बेहतर कार्य योजना एवं आपसी सहयोग और समन्वय के साथ डीपीआर बनाने के कार्य को शीघ्र पूरा किया जाए।
अधिकारियों ने सीएम भजनलाल शर्मा को दी ये जानकारी
बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि हरियाणा व राजस्थान की टास्क फोर्स की प्रथम संयुक्त बैठक गत 07 अप्रैल को यमुनानगर (हरियाणा) में आयोजित हुई जिसमें अलाईनमेंट के क्रम में वास्तविक धरातलीय परीक्षण किए जाने पर प्राथमिक चर्चा हुई तथा हथिनी कुंड बैराज से यमुना जल लाने के लिए प्रवाह प्रणाली के 4 उपलब्ध विकल्पों की समीक्षा की गई। इनमें से केंद्र जल आयोग द्वारा सुझाया गया 253 किलोमीटर लंबी 3 पाईपलाईन का विकल्प सर्वश्रेष्ठ माना गया। इसका धरातलीय परीक्षण हरियाणा के अधिकारियों के सहयोग से किया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 19 हजार करोड़ रुपए होगी।
PC:dipr.rajasthan
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