PC: India TV Hindi
हिंदू धर्म में आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा और कोजागिरी पूर्णिमा कहते हैं। पूर्णिमा पर चंद्रदेव भगवान विष्णु और धन की देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। शरद पूर्णिमा को बहुत पवित्र माना जाता है क्योंकि इसी दिन देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं और भगवन कार्तिकेय का जन्म हुआ था। आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस बार ये पर्व 2 दिन मनाया जाएगा। 6 अक्टूबर, सोमवार को व्रत की और 7 अक्टूबर को स्नान-दान की पूर्णिमा रहेगी।सुख, सौभाग्य और आरोग्य बना रहता है। मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कोजागिरी पूर्णिमा पर कुछ उपाय करने चाहिए।
शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखना चाहिए। व्रत करने से चंद्रदेव भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी सुखों का आनंद प्राप्त होता है।
हिंदू धर्म में किसी भी देवता की कृपा पाने के लिए या किसी भी शुभ दिन मंत्र का जाप करने के लिए शरद पूर्णिमा पूजा का शुभ फल प्राप्त करने हेतु भगवान विष्णु और चंद्रदेव की पूजा करें, मंत्रों का जाप करें।
शरद पूर्णिमा पर चंद्रदेव की पूजा करना महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं में होता है। इस दिन चाँदी के बर्तन में दूध और जल लेकर चंद्र देव को अर्घ्य देने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, जिसके शुभ फल मिलते हैं।
शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, जो धन की देवी लक्ष्मी से जुड़ी है। कोजागरी का अर्थ है "कौन जाग रहा है?" इस दिन लोग लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं और रात में जागकर मंत्रों का जाप करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस अनुष्ठान को करने से पूरे वर्ष घर में समृद्धि बनी रहती है।
शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए विशेष रूप से श्री सूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक तंगी कम होती है।
You may also like
MP Police Vacancy: 12वीं पास 43 वर्षीय महिलाएं भी भर सकती हैं फॉर्म, 1.14 लाख तक मिलेगी बेसिक सैलरी
फारबिसगंज भाजपा नगर कमिटी की बैठक में चुनाव तैयारी पर चर्चा
अनुष्का शर्मा की प्रेम कहानी: मॉडलिंग से लेकर टूटे रिश्ते तक
इन बर्तनों में भूलकर भी ना उबाले` दूध वरना शरीर में बन जाएगा जहर
रोहित के नेतृत्व में कैसा रहा भारत का वनडे प्रदर्शन? डालिए एक नजर