राजस्थान के जैसलमेर जिले में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक प्राइवेट बस में अचानक आग लग गई, जिससे बस में सवार 12 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए। वार म्यूजियम के पास हुई इस दुर्घटना ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। हादसे के बाद चीख-पुकार, धुआं और आग की लपटों ने पूरे हाईवे को दहला दिया।
हादसा कैसे हुआ?मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस जैसे ही वार म्यूजियम के पास पहुंची, अचानक उसके पीछे के हिस्से से धुआं निकलना शुरू हो गया। कुछ ही क्षणों में आग ने बस को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया। बस में कुल 57 यात्री सवार थे, जिनमें से कई ने खिड़की और दरवाजे तोड़कर अपनी जान बचाई, लेकिन कुछ लोग अंदर फंस गए।
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सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तीन एंबुलेंस के जरिए घायलों को जवाहर अस्पताल ले जाया गया, जहां 17 यात्रियों को भर्ती किया गया, जिनमें से 12 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। बाकी गंभीर रूप से घायल यात्रियों को जोधपुर रेफर कर दिया गया है।
शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा प्राथमिक कारणअसिस्टेंट फायर ऑफिसर कृष्णपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल की जांच जारी है और आगे सुरक्षा मानकों को सख्त करने पर विचार किया जा रहा है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे टाले जा सकें।
राहत कार्य और प्रशासन की तैयारीजिला प्रशासन ने पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है, जहां लोग अपने रिश्तेदारों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने मानसिक और सामाजिक सहायता के लिए भी विशेष व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताया दुखराजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने जैसलमेर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि सभी घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए और मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह हृदयविदारक घटना पूरे प्रदेश के लिए एक दुखद क्षण है। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और घायलों के इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।”
सुरक्षा मानकों पर उठे सवालयह हादसा एक बार फिर सवाल खड़े करता है कि क्या निजी बस संचालक यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त सावधानी बरत रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बसों में नियमित तकनीकी जांच और फायर सेफ्टी उपकरणों की उपलब्धता को अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें।
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