पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के साथ बढ़ते तनाव को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष की आशंका समय के साथ कम होने के बजाय बढ़ रही है। आसिफ ने उम्मीद जताई कि भारत "समझदारी दिखाएगा" और भगवान से प्रार्थना की कि युद्ध जैसी स्थिति से दोनों देश बच सकें।
उन्होंने यह बयान संसद के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान दिया जब उनसे पाकिस्तान की मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में सवाल पूछा गया। आसिफ ने साफ कहा, "संघर्ष की आशंका समय के साथ बढ़ रही है, यह घट नहीं रही। हालांकि कई देश इस स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश कर रहे हैं।"
तनाव बढ़ने की वजहेंपाकिस्तान और भारत के बीच पिछले कुछ समय से तनाव फिर से तेज हो गया है, खासकर जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के बाद। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें बड़ी संख्या में पर्यटक शामिल थे। यह हमला अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
पाकिस्तान की धमकी और चेतावनीख्वाजा आसिफ ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भारत की ओर से कोई भी "उल्लंघन" होता है, तो पाकिस्तान उसका मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने कहा, "अगर भारत ने कोई कार्रवाई की, तो हमारा जवाब उस पर निर्भर करेगा। हमारे जवाब को लेकर किसी को भी कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की प्रतिक्रिया भारत की कार्रवाई से कहीं बड़ी हो सकती है। उनके अनुसार, "मैं पाकिस्तान की प्रतिक्रिया के बारे में कोई अटकल नहीं लगाना चाहता, लेकिन यह भारत की कार्रवाई से अधिक होगी।"
अंतरराष्ट्रीय प्रयासपाकिस्तान का दावा है कि कई अंतरराष्ट्रीय ताकतें भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की कोशिश कर रही हैं। हाल ही में चीन ने भी पाकिस्तान के कहने पर पहलगाम आतंकी हमले की जांच में हस्तक्षेप की पेशकश की थी और तनाव कम करने की अपील की थी।
भड़काऊ बयानबाजी का दौरयह पहली बार नहीं है जब ख्वाजा आसिफ ने भारत को लेकर आक्रामक रुख अपनाया हो। इससे पहले उन्होंने यह भी दावा किया था कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा का कोई अस्तित्व नहीं है और यदि भारत ने कोई कार्रवाई की तो "पूर्ण युद्ध" की स्थिति बन सकती है।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन रक्षा मंत्री के हालिया बयान से यह साफ है कि इस बार स्थिति गंभीर हो सकती है। जहां एक ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों देशों से संयम बरतने की अपील कर रहा है, वहीं दूसरी ओर नेताओं के ऐसे बयान हालात को और भड़काने का काम कर सकते हैं। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना बेहद अहम होगा।
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