Newsindia live,Digital Desk : UK immigration law : ब्रिटेन सरकार ने हाल ही में अपने आव्रजन कानूनों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है और भारत को उन देशों की सूची में जोड़ा है जिनके नागरिकों को अब 'डिपोर्ट नाउ अपील लेटर' यानी 'पहले देश निकाला फिर अपील करें' नियम का सामना करना पड़ सकता है दिलचस्प बात यह है कि इस सूची में पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया है यह कदम ब्रिटिश सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत अवैध आव्रजन पर नकेल कसने और देश की सीमाओं को सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है इस कानून के तहत ब्रिटिश अधिकारी उन विदेशी नागरिकों को निर्वासित कर सकते हैं जिनके शरण या मानवाधिकार के दावों को अस्वीकार कर दिया गया है और वे अपनी अपील ब्रिटेन के बाहर से ही कर पाएंगेयह कानून पहली बार ब्रिटेन के आव्रजन अधिनियम का हिस्सा बना था इस नियम के तहत जिन लोगों के मानवाधिकार दावों को निराधार माना जाता है उन्हें अपील प्रक्रिया के दौरान देश में रहने की अनुमति नहीं होती है पहले यह नियम केवल यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र के नागरिकों और अल्बानिया पर लागू था लेकिन अब इसका विस्तार भारत सहित कई अन्य देशों तक कर दिया गया है नए नियमों में भारत के साथ-साथ बोत्सवाना कैमरून गाम्बिया घाना केन्या लेसोथो मलावी मॉरीशस मोजाम्बिक नामीबिया नाइजीरिया रवांडा सिएरा लियोन और तंजानिया को भी शामिल किया गया है ब्रिटिश सरकार का कहना है कि यह बदलाव उनकी आव्रजन प्रणाली को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि जिन लोगों को ब्रिटेन में रहने का कोई अधिकार नहीं है उन्हें जल्दी से हटाया जा सके आलोचकों का तर्क है कि यह कानून कमजोर लोगों के लिए न्याय तक पहुंच को कठिन बना सकता है
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