News India Live, Digital Desk: अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana - APY), भारत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों और अन्य नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाली एक लोकप्रिय योजना है. यह योजना सब्सक्राइबर को 60 साल की उम्र के बाद एक निश्चित मासिक पेंशन देती है. हाल ही में इस योजना के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनके बारे में हर आवेदक को जानकारी होनी चाहिए. यदि आप भी अटल पेंशन योजना से जुड़ने की सोच रहे हैं, तो इन अहम बातों को जाने बिना आवेदन करने से आपको नुकसान हो सकता है.अटल पेंशन योजना से जुड़ने से पहले जान लें ये 5 महत्वपूर्ण बातें:1. नए टैक्सपेयर्स को लाभ नहीं (Major Change):सबसे बड़ा बदलाव यह है कि 1 अक्टूबर 2022 से ऐसे नागरिक जो इनकम टैक्स देते हैं (Income Tax Payers), वे अटल पेंशन योजना में शामिल नहीं हो सकते. यह नियम केंद्र सरकार द्वारा इस योजना का लाभ केवल असंगठित और गैर-करदाता वर्ग तक सीमित करने के लिए लागू किया गया है. यदि कोई व्यक्ति 1 अक्टूबर 2022 को या उसके बाद टैक्सपेयर होते हुए भी इस योजना में शामिल हो जाता है, तो उसका APY खाता बंद कर दिया जाएगा और जमा की गई राशि उसे वापस कर दी जाएगी.2. आयु सीमा और न्यूनतम/अधिकतम अंशदान:इस योजना में शामिल होने के लिए आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए.न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये और अधिकतम 5,000 रुपये है, जो आपके द्वारा दिए गए मासिक अंशदान (योगदान) पर निर्भर करती है.आपका अंशदान (Contribution) आपकी प्रवेश आयु (Entry Age) और चयनित पेंशन राशि के आधार पर तय होता है. जितनी कम उम्र में आप जुड़ेंगे, उतना ही कम आपका मासिक अंशदान होगा.3. सरकारी अंशदान का नियम:सरकार 5 साल तक कुछ मामलों में अंशदान करती थी. हालांकि, 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच जुड़े और जो आयकर दाता नहीं थे, उनके लिए सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति वर्ष, जो भी कम हो, का अंशदान करती थी. नए नियमों में इसके पात्रता मानदंड पर ध्यान देना आवश्यक है.4. बाहर निकलने और निकासी के नियम:60 वर्ष की आयु से पहले निकासी: आम तौर पर, 60 वर्ष की आयु से पहले योजना से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. केवल असाधारण परिस्थितियों (जैसे सब्सक्राइबर की मृत्यु या गंभीर बीमारी) में ही कुछ शर्तें लागू होंगी. इस स्थिति में जमा की गई राशि वापस मिल जाती है.60 वर्ष की आयु के बाद निकासी: 60 वर्ष के बाद आपको चयनित मासिक पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है. सब्सक्राइबर की मृत्यु के बाद पति/पत्नी को पेंशन मिलती रहती है, और पति/पत्नी की मृत्यु के बाद जमा राशि नॉमिनी को दे दी जाती है.5. योगदान रुकने पर जुर्माना:यदि आप अपने अंशदान को नियमित रूप से नहीं जमा करते हैं, तो आपसे मासिक जुर्माने (Penalty) के रूप में एक छोटी सी राशि ली जाती है. यह 100 रुपये के योगदान पर 1 रुपये प्रति माह से लेकर 1000 रुपये के योगदान पर 10 रुपये प्रति माह तक हो सकता है. यदि आप लंबे समय तक अंशदान नहीं करते हैं, तो आपका खाता फ्रीज या निष्क्रिय भी हो सकता है, और अंततः बंद भी हो सकता है.अटल पेंशन योजना वास्तव में असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए बुढ़ापे में एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है. लेकिन, इन बदले हुए नियमों को समझकर ही इस योजना का अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है.
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