वॉशिंगटन: पिछले सप्ताह भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क के मेयर का चुनाव जीतकर अमेरिका में इतिहास रच दिया था। वे न्यूयॉर्क का मेयर चुनाव जीतने वाले पहले मुस्लिम और भारतीय मूल के पहले शख्स बन गए। इसने अमेरिका में भारतीय मूल के एक और डेमोक्रेट के लिए उम्मीद जगा दी है। इस बार भारतीय मूल के सैकत चक्रवर्ती का नाम चर्चा में है। अमेरिकी कांग्रेस की हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी के अपने पद से हटने की घोषणा करने के बाद चक्रवर्ती के लिए कांग्रेस में सैन फ्रांसिस्को सीट के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी का नामांकन करने का रास्ता खुल गया है।
डेमोक्रेट की नई लहर
जोहरान ममदानी की तरह ही सैकत चक्रवर्ती को भी प्रगतिशील नेताओं की नई लहर में गिना जा रहा है, जो डेमोक्रेट्स से लंबे समय से बने ढांचे को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। चक्रवर्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ममदानी की जीत को अपने लिए प्रेरणादायक बताया है। उन्होंने लिखा, 'जोहरान ने साबित कर दिया कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे आपके ऊपर कितना पैसा फेंकते हैं। अगर आप वास्तविक बदलाव के लिए खड़े हैं तो संगठित लोग संगठित धन को हरा देते हैं।'
कई लोग सैकत चक्रवर्ती की तुलना जोहरान ममदानी से कर रहे हैं। चक्रवार्ती ने इसी साल अप्रैल में पेलोसी के खिलाफ अभियान की घोषणा करते हुए कहा था कि यह वास्तव में एक ऐसे आंदोलन का मौका है जो वास्तव में मेहनतकश लोगों के लिए खड़ा है। अब पेलोसी ने घोषणा की है कि वह अगले साल फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगी, जिससे सैन फ्रांसिस्को की सीट चक्रवर्ती के लिए खुल गई है।
कौन हैं सैकत चक्रवर्ती?
सैकत ने टेक्सास में बंगाली माता-पिता के घर में जन्म लिया। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की, जहां से उन्होंने कम्प्यूटर साइंस में डिग्री ली। इसके बाद वे सैन फ्रांसिस्को चले गए और टेक-स्टार्टअप के को-फाउंडर बने। बाद में उन्होंने वित्तीय सेवा कंपनी स्ट्राइप ज्वाइन कर ली। उन्होंने पहली बार राजनीति में दिलचस्पी 2015 में दिखाई, जब बर्नी सैंडर्स के राष्ट्रपति अभियान में काम करने के लिए टेक उद्योग छोड़ दिया। सैंडर्स को जीत नहीं मिली, लेकिन चक्रवर्ती के काम ने डेमोक्रेट को प्रभावित किया।
चक्रवर्ती ने अपनी धाक तब जमाई जब उन्होंने अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज के अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। कोर्टेज ने 2018 में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में न्यूयॉर्क सीट जीतने के बाद चक्रवर्ती को चीफ ऑफ स्टाफ बनाया। इस जीत ने चक्रवर्ती को राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया।
सुभाषचंद्र बोस को लेकर आए विवादों में
साल 2019 में चक्रवर्ती विवादों में घिर गए जब उन्हें भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस की तस्वीर वाली टी-शर्ट में देखा गया। कुछ दक्षिणपंथी मीडिया संस्थानों ने उनकी यह कहकर आलोचना की कि वे नाजियों के साथ सहयोग करने वाले व्यक्ति का समर्थन कर रहे हैं। फिलहाल अमेरिकी कांग्रेस में 5 भारतवंशी हैं, जो किसी भी एशियाई मूल के समूह में सबसे ज्यादा हैं। अब देखना है कि क्या चक्रवर्ती इस लिस्ट में शामिल होने वाले छठे भारतीय-अमेरिकी होंगे?
डेमोक्रेट की नई लहर
जोहरान ममदानी की तरह ही सैकत चक्रवर्ती को भी प्रगतिशील नेताओं की नई लहर में गिना जा रहा है, जो डेमोक्रेट्स से लंबे समय से बने ढांचे को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। चक्रवर्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ममदानी की जीत को अपने लिए प्रेरणादायक बताया है। उन्होंने लिखा, 'जोहरान ने साबित कर दिया कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे आपके ऊपर कितना पैसा फेंकते हैं। अगर आप वास्तविक बदलाव के लिए खड़े हैं तो संगठित लोग संगठित धन को हरा देते हैं।'
कई लोग सैकत चक्रवर्ती की तुलना जोहरान ममदानी से कर रहे हैं। चक्रवार्ती ने इसी साल अप्रैल में पेलोसी के खिलाफ अभियान की घोषणा करते हुए कहा था कि यह वास्तव में एक ऐसे आंदोलन का मौका है जो वास्तव में मेहनतकश लोगों के लिए खड़ा है। अब पेलोसी ने घोषणा की है कि वह अगले साल फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगी, जिससे सैन फ्रांसिस्को की सीट चक्रवर्ती के लिए खुल गई है।
कौन हैं सैकत चक्रवर्ती?
सैकत ने टेक्सास में बंगाली माता-पिता के घर में जन्म लिया। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की, जहां से उन्होंने कम्प्यूटर साइंस में डिग्री ली। इसके बाद वे सैन फ्रांसिस्को चले गए और टेक-स्टार्टअप के को-फाउंडर बने। बाद में उन्होंने वित्तीय सेवा कंपनी स्ट्राइप ज्वाइन कर ली। उन्होंने पहली बार राजनीति में दिलचस्पी 2015 में दिखाई, जब बर्नी सैंडर्स के राष्ट्रपति अभियान में काम करने के लिए टेक उद्योग छोड़ दिया। सैंडर्स को जीत नहीं मिली, लेकिन चक्रवर्ती के काम ने डेमोक्रेट को प्रभावित किया।
चक्रवर्ती ने अपनी धाक तब जमाई जब उन्होंने अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज के अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। कोर्टेज ने 2018 में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में न्यूयॉर्क सीट जीतने के बाद चक्रवर्ती को चीफ ऑफ स्टाफ बनाया। इस जीत ने चक्रवर्ती को राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया।
सुभाषचंद्र बोस को लेकर आए विवादों में
साल 2019 में चक्रवर्ती विवादों में घिर गए जब उन्हें भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस की तस्वीर वाली टी-शर्ट में देखा गया। कुछ दक्षिणपंथी मीडिया संस्थानों ने उनकी यह कहकर आलोचना की कि वे नाजियों के साथ सहयोग करने वाले व्यक्ति का समर्थन कर रहे हैं। फिलहाल अमेरिकी कांग्रेस में 5 भारतवंशी हैं, जो किसी भी एशियाई मूल के समूह में सबसे ज्यादा हैं। अब देखना है कि क्या चक्रवर्ती इस लिस्ट में शामिल होने वाले छठे भारतीय-अमेरिकी होंगे?
You may also like

दादी के पास सो रही थी मासूम...मच्छरदानी काटकर किया किडनैप फिर रेप, पश्चिम बंगाल में कंपा देने वाली घटना

Jolly LLB 3 OTT रिलीज: घर बैठे देखिए मिश्रा और त्यागी जी की बहसबाजी, 100 करोड़ी फिल्म इस दिन देगी ऑनलाइन दस्तक

बाबर vs कोहली बहस फिर शुरू, नहीं सुधर सकते ये पाकिस्तानी, बोले विराट को मिला सीनियर खिलाड़ियों का साथ

बेटे-बहू ने घर से निकाल दिया! एटा के इस थानेदार ने चार दिन से भूखे बुजुर्ग दंपती को खाना खिला जीता दिल

क्या है CNG कारों का सबसे बड़ा फायदा, पेट्रोल-डीजल से है कितनी साफ?




