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भारत-पाक टेंशन के बीच साइबर हमलों से कैसे बचें? एमपी पुलिस ने सुरक्षित रहने के सारे उपाय बताएं

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भोपाल: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है। इसके साथ ही साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ गया है। 10 मई 2025 को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सरकारी एजेंसियां, सेना और जरूरी ढांचे पर साइबर हमले हो सकते हैं। WhatsApp, ईमेल और सोशल मीडिया पर गलत जानकारी तेजी से फैल रही है। ऐसे में एमपी पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। एपीके फाइलें शेयर की जा रहींभ्रामक वीडियो, तस्वीरें और फाइलें (.exe/.apk) शेयर की जा रही हैं। फिशिंग ईमेल और नकली लॉगइन पेज भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। साइबर अपराधी खबरों और सूचनाओं के नाम पर गलत चीजें फैला रहे हैं। इनमें मैलवेयर, स्पाइवेयर और फिशिंग वेबसाइट के लिंक हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। साइबर अटैक का खतराभारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के कारण साइबर हमले का खतरा बढ़ गया है। साइबर अपराधी इस स्थिति का फायदा उठाकर गलत सूचना फैला रहे हैं। वे लोगों को फंसाने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं। साइबर अपराधी क्या कर रहे हैं?वे खबरों और सूचनाओं के नाम पर गलत चीजें फैला रहे हैं। इन गलत चीजों में वायरस वाले लिंक और फिशिंग वेबसाइट शामिल हैं। ये लिंक WhatsApp, Telegram और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आसानी से शेयर किए जा सकते हैं। साइबर हमले कैसे हो रहे हैं? 1. गलत फाइलें शेयर करना: गलत तरीके से बनाई गई .apk और .exe फाइलें 'WhatsApp, ईमेल और सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं। वीडियो फाइलें और लिंक भी भेजे जा रहे हैं। 2. फिशिंग लिंक का इस्तेमाल: मैसेजों में फिशिंग लिंक भेजे जा रहे हैं। ये लिंक ऐसे दिखते हैं जैसे वे किसी भरोसेमंद स्रोत से आए हों। इन नकली वेबसाइटों के जरिए लोगों का निजी डेटा चुराया जा सकता है। 3. नकली ऐप: कुछ ऐप जैसे 'Live war updates App' भी फैलाए जा रहे हैं। ये ऐप डेटा चुरा सकते हैं या डिवाइस को लॉक करके फिरौती मांग सकते हैं। इनसे बैंक खाते और सोशल मीडिया खाते भी हैक किए जा सकते हैं। लोगों के लिए क्या सलाह है? WhatsApp और सोशल मीडिया इस्तेमाल करने के लिए:- अनजान नंबर से आए वीडियो या इमेज फाइल को न खोलें। भले ही वह फाइल किसी ऐसे व्यक्ति ने भेजी हो जिस पर आप भरोसा करते हैं।
  • ऐसे मैसेज को किसी और को फॉरवर्ड न करें।
  • सिर्फ Google Play Store या अधिकृत ऐप स्टोर से ही ऐप इंस्टॉल करें।
  • विवादित अपडेट या संवेदनशील फुटेज दिखाने वाले लिंक पर क्लिक न करें।
  • अगर आप किसी ऐसे ग्रुप में हैं जहां भड़काऊ या गलत जानकारी शेयर की जा रही है, तो उस ग्रुप से बाहर निकल जाएं, रिपोर्ट करें और ग्रुप को डिलीट कर दें।
WhatsApp में सुरक्षा कैसे बढ़ाएं:- ऑटो डाउनलोड बंद करें: WhatsApp की सेटिंग में जाकर -> Storage और Data -> सभी Media (Photo, Audio, Video, Documents) के लिए Auto-download को बंद कर दें।
  • अकाउंट को हैक होने से बचाने के लिए WhatsApp अकाउंट सेटिंग में 2-step Verification चालू करें।
  • किसी भी गलत मैसेज या ग्रुप गतिविधि को WhatsApp पर रिपोर्ट करें या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
  • अपना OTP किसी के साथ शेयर न करें।
ईमेल इस्तेमाल करने वालों के लिए:-
  • अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए ईमेल न खोलें। खासकर वे ईमेल जो भारत-पाक संघर्ष से संबंधित हों।
  • अनचाहे ईमेल से आए अटैचमेंट को डाउनलोड न करें और न ही लिंक पर क्लिक करें।
  • ईमेल एड्रेस को ध्यान से देखें। साइबर अपराधी असली जैसे दिखने वाले एड्रेस का इस्तेमाल करते हैं।
  • सभी ईमेल अकाउंट में 2-Factor Authentication (2FA) चालू करें।
  • हमेशा अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें और स्पैम फिल्टर को चालू रखें।
सामान्य साइबर जागरूकता:
  • भारत-पाक संघर्ष पर अपडेट जानने के लिए सिर्फ भरोसेमंद समाचार चैनल और सोशल मीडिया हैंडल का इस्तेमाल करें।
  • गलत खबरों को आगे भेजने से पहले Fact Checkers का इस्तेमाल करें।
  • क्लाउड स्टोरेज और जरूरी डेटा का नियमित रूप से बैकअप लेते रहें।
  • अपने एंटीवायरस और मोबाइल सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें।
  • संवेदनशील घटनाओं या सूचनाओं की गलत जानकारी को शेयर करने से बचें।
  • किसी भी ग्राफिक जानकारी को सरकारी वेबसाइटों और हैंडल के माध्यम से सत्यापित करें।
  • आपातकालीन स्थिति के लिए जरूरी सेटिंग्स:-1 . इमरजेंसी SOS फीचर (Emergency SOS) Android: सेटिंग्स > सेफ्टी और इमरजेंसी > इमरजेंसी SOS में जाकर इसे ऑन करें। (पावर बटन को 5 बार दबाकर SOS भेजें) iPhone: सेटिंग्स > इमरजेंसी SOS > "साइड बटन से कॉल करें" और "ऑटो कॉल" चालू करें। (साइड बटन को 5 बार दबाकर SOS भेजें) 2. इमरजेंसी कॉन्टैक्ट्स और मेडिकल ID Android: सेटिंग्स > सेफ्टी और इमरजेंसी > इमरजेंसी कॉन्टैक्ट्स में जोड़ें। iPhone: हेल्थ ऐप > मेडिकल ID सेट करें और "लॉक स्क्रीन पर दिखाएं" चालू करें 3. इमरजेंसी अलर्ट ऑन करें Android/iPhone: सेटिंग > नोटिफिकेशन > वायरलेस अलर्ट्स > सभी चेतावनियाँ ऑन करें (भूकंप, सुनामी, आतंकी हमला आदि)। रिपोर्टिंग:- अगर आप किसी साइबर अपराध का शिकार हुए हैं, तो हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। लोगों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें, संदिग्ध सामग्री की रिपोर्ट करें और गलत सूचना फैलाने में मदद न करें।
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