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शाम लौटने वाले थे, सुबह जनाज़ा बनकर आए... दिल्ली कार ब्लास्ट में मारे गए मोहसिन की कहानी कलेजा चीर देगी

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मेरठ: दिल्लीब्लास्ट में मेरठ के मोहसिन की मौत हो गई। मोहसिन ई-रिक्शा चलाकर रोजी-रोटी कमाते थे। उनकी मौत से परिवार में कोहराम मचा है और उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है। मोहसिन (35) काम की तलाश में दो साल पहले मेरठ से दिल्ली गए थे।

वह पत्नी और दो बच्चों के साथ दरियागंज इलाके में किराए के मकान में रह रहे थे। सोमवार को जिस वक्त ब्लास्ट हुआ वह सवारियों को लेकर जा रहे थे। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

मोहसिन रोज की तरह काम पर गए थे। शाम छह बजे पत्नी को कॉल कर बताया कि जाम लगा हुआ है, 9 बजे तक घर आएंगे। जब वो घर नहीं आए तो पत्नी मोहसिन ने कॉल करना शुरू किया, लेकिन कॉल नहीं लगा। फिर बम ब्लास्ट की खबरें आने लगी। पत्नी इधर-उधर ढूंढती रही।

मोहसिन के भाई वसीम ने कहा कि मैं नोएडा गया हुआ था, घर से पापा का कॉल आया तो मां संजीदा ने कहा, मैंने दिल्ली जाने से मना किया था
मैं रात 11:30 बजे के करीब एलएनजेपी पहुंचा। दो तीन घंटे तक भटकता रहा, कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था। तब किसी ने कहा कि मोर्चरी में जाकर देखो, वहां मैने उन्हें पहचाना।

मां ने रोते हुए सवाल किया मेरे बेटे की क्या गलती थी, वह मेहनत करके ई-रिक्शा चलाकर परिवार को पाल रहा था। इंसानियत के दुश्मनों ने सब तबाह कर दिया। सोमवार देर शाम बहू सुल्ताना ने छोटे बेटे नदीम को फोन कर कर बताया था कि भाई का फोन नहीं उठ रहा। यहां बम फटा है, मोहसिन का पता नहीं चल रहा। रात से ही हम उसे तलाश रहे थे। देर रात पुलिस ने मोहसिन के ब्लास्ट में मारे जाने की जानकारी मिली।
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