पटना: बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के खिलाफ दरभंगा में 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। ये बंद सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक चलेगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि बंद का उद्देश्य विपक्षी नेताओं के 'अनैतिक' और 'अभद्र' व्यवहार का विरोध करना है। ये प्रदर्शन मुख्य रूप से भाजपा महिला मोर्चा के नेतृत्व में हो रहा है, जो इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रही हैं। बंद के दौरान, एनडीए ने आवश्यक सेवाओं को प्रभावित न करने का आश्वासन दिया है ताकि आम जनता को कोई परेशानी न हो।
महिलाओं ने संभाली विरोध की कमानइस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भाजपा महिला मोर्चा कर रही है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है। बीजेपी का कहना है कि प्रधानमंत्री और उनकी मां के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्द बेहद आपत्तिजनक थे, खासकर महिलाओं के लिए। इसलिए, इस प्रदर्शन का नेतृत्व महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। इसका मकसद यह संदेश देना है कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल समाज में अस्वीकार्य है, और यह न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक मर्यादा के भी खिलाफ है।
सत्ता का अहंकार और माफी न मांगनाजनता दल (यूनाइटेड) के नेता उमेश कुशवाहा ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि दरभंगा में विपक्ष की रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां के खिलाफ इस्तेमाल की गई भाषा नैतिक और राजनीतिक दोनों रूप से गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन के नेताओं ने अभी तक इस पर माफी नहीं मांगी है, जो उनके अहंकार को दर्शाता है। उमेश कुशवाहा ने कहा कि ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना बेहद अनुचित है और लोकतंत्र में ऐसी बातों के लिए कोई जगह नहीं है।
'नामदारों' पर पीएम मोदी ने कसा था तंजइस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी का नाम लिए विपक्षी नेताओं खासकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा था। उन्होंने उन्हें 'नामदार' कहते हुए तंज कसा था। पीएम मोदी ने कहा था कि ये लोग चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं और उन्हें देश और बिहार की सत्ता अपनी पुश्तैनी जागीर लगती है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी नेता आम लोगों की भावनाओं और मर्यादाओं की परवाह नहीं करते, जो उनके राजनीतिक रवैये को दर्शाता है। यह बयान दिखाता है कि इस मुद्दे पर राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है।
महिलाओं ने संभाली विरोध की कमानइस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भाजपा महिला मोर्चा कर रही है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है। बीजेपी का कहना है कि प्रधानमंत्री और उनकी मां के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्द बेहद आपत्तिजनक थे, खासकर महिलाओं के लिए। इसलिए, इस प्रदर्शन का नेतृत्व महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। इसका मकसद यह संदेश देना है कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल समाज में अस्वीकार्य है, और यह न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक मर्यादा के भी खिलाफ है।
सत्ता का अहंकार और माफी न मांगनाजनता दल (यूनाइटेड) के नेता उमेश कुशवाहा ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि दरभंगा में विपक्ष की रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां के खिलाफ इस्तेमाल की गई भाषा नैतिक और राजनीतिक दोनों रूप से गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन के नेताओं ने अभी तक इस पर माफी नहीं मांगी है, जो उनके अहंकार को दर्शाता है। उमेश कुशवाहा ने कहा कि ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना बेहद अनुचित है और लोकतंत्र में ऐसी बातों के लिए कोई जगह नहीं है।
'नामदारों' पर पीएम मोदी ने कसा था तंजइस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी का नाम लिए विपक्षी नेताओं खासकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा था। उन्होंने उन्हें 'नामदार' कहते हुए तंज कसा था। पीएम मोदी ने कहा था कि ये लोग चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं और उन्हें देश और बिहार की सत्ता अपनी पुश्तैनी जागीर लगती है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी नेता आम लोगों की भावनाओं और मर्यादाओं की परवाह नहीं करते, जो उनके राजनीतिक रवैये को दर्शाता है। यह बयान दिखाता है कि इस मुद्दे पर राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है।