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"तिवारी, पहले मेरा लिख दो, वरना हाथ-पैर तोड़ दूंगा..." बृजभूषण की धमकी, सुनाई 8वीं में तीन बार फेल होने की कहानी

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गोंडा: उत्तर प्रदेश में कैसरगंज से बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने गोंडा के बालपुर में आयोजित एक प्रतिभा सम्मान समारोह में छात्रों को अपने बचपन की कहानी सुनाकर प्रेरित किया। इस दौरान उन्होंने खुलासा किया कि वह कक्षा 8 में तीन बार फेल हुए और नकल के जरिए पास हुए, लेकिन इस अनुभव ने उन्हें मेहनत और आत्ममंथन का महत्व सिखाया। समारोह में हजारों छात्र-छात्राएं, उनके अभिभावक और स्थानीय लोग मौजूद थे।



नकल की कहानी, आत्मग्लानि का सबकबृजभूषण ने मजाकिया अंदाज में बताया, "मैं कक्षा 8 में दो साल लगातार फेल हुआ। फेल भी ऐसा कि नीचे से टॉप था। सिर्फ खेलकूद में पास हुआ। बाद में नकल करके पास हुआ, लेकिन उस रात मुझे आत्मग्लानि हुई और मैं सो नहीं सका।"



उन्होंने बताया कि नकल के लिए उन्होंने बगल में बैठे एक सहपाठी को धमकाया था। खासकर अंग्रेजी के पेपर में, जब उन्हें कुछ समझ नहीं आया, तो उन्होंने सहपाठी से कहा, "तिवारी, पहले मेरा लिख दो, वरना बाहर हाथ-पैर तोड़ दूंगा।" इस तरह नकल से वह पास तो हो गए, लेकिन इस अनुभव ने उन्हें अपनी कमियों को समझने और मेहनत करने की प्रेरणा दी।



छात्रों को प्रेरक संदेशपूर्व सांसद ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "बच्चों, अपने से बात करो, अपनी कमजोरियों को पहचानो और उन पर काम करो। मेहनत से ही सफलता मिलती है। मैंने भी अपने आप से सवाल किए और तय किया कि अब अपने काम में मन लगाऊंगा।" उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि जीवन एक युद्ध है, जिसमें अपनी ताकत और कमजोरियों को समझना जरूरी है।



बचपन की शरारतें और खेलकूदबृजभूषण ने अपने बचपन के शरारती दिनों को भी याद किया और बताया कि वह खेलकूद में बहुत तेज थे। "जब तक मैं दस-पांच को पीट नहीं देता था, तब तक नाश्ता नहीं करता था," उन्होंने हंसते हुए कहा। उनके इस हल्के-फुल्के अंदाज ने समारोह में मौजूद लोगों को खूब हंसाया।



यह समारोह गोंडा के बालपुर में आयोजित किया गया था, जहां मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। बृजभूषण ने अपने संबोधन में कड़ी मेहनत और आत्मविश्लेषण को सफलता का मूल मंत्र बताया। उनके इस खुले और प्रेरक संबोधन ने छात्रों और अभिभावकों के बीच सकारात्मक संदेश पहुंचाया।

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