भोपाल: मध्य प्रदेश में बीते 40 दिनों में हुई भारी बारिश से प्रदेश सरकार के अनुसार 252 लोगों की मौत हो गई, 432 पशु मारे गए, और 3600 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की, जिसमें राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की गई और प्रभावितों को मदद पहुंचाने के निर्देश दिए गए। प्रदेश में सामान्य से 59 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है, जिससे कई जिलों में नुकसान हुआ है।
53 राहत शिविरों में 3000 से अधिक प्रभावित लोग
फिलहाल 53 राहत शिविरों में 3065 प्रभावित लोगों को रखकर उन्हें सभी प्रकार की जरूरी मदद जैसे खाना-पीना, दवाइयां, कपड़े आदि मुहैया कराए जा रहे हैं। अतिवृष्टि या बाढ़ प्रभावितों को कोई भी कठिनाई न आने पाये और जल्द ही सर्वे पूरा कर पीड़ितों को उनके नुकसान की समुचित भरपाई की जाए, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अफसरों को निर्देश दिए।
संवेदनशील स्थानों पर तैनात है SDRF
बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अतिवृष्टि वाले जिलों के कलेक्टर द्वारा अब तक 28.49 करोड़ रुपए राहत राशि वितरित की जा चुकी है। शासन द्वारा लगभग 3600 करोड़ रुपए की व्यवस्था राहत मदद में की गई है। भारी बारिश को देखते हुए NDRF की टीमों को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और धार में तैनात किया गया है। SDRF को प्रदेश भर में संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया।
हैरान कर रहे बारिश के आंकड़े
प्रदेश सरकार के मुताबिक, मॉनसून के सीजन में अबतक 252 लोगों की मौत हुई है। इनमें से भारी बारिश से 47 लोगों की मौत हुई। नदी-नाले में दुर्घटनावश डूबने से 132 लोगों की मौत हुई। आकाशीय बिजली से 60 लोगों की मौत हुई। दीवार/मकान/पेड़ गिरने से 13 लोगों की मृत्यु दर्ज हुई है। 432 पशु हानि हुई है। 1200 मुर्गियां की मृत्यु हुई है। प्रदेश में तैनात बचाव और राहत दलों द्वारा 432 रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए गए हैं। 3628 नागरिकों को जीवित बचाया गया है। 94 मवेशियों को जीवित बचाया गया है।
मकानों में भी नुकसान
बारिश से 128 मकानों को पूर्ण क्षति हुई है। 2333 मकानों को आंशिक क्षति हुई है। एमपी सरकार के मुताबिक, अब तक प्रदेश में 711.3 MM वर्षा हो चुकी है। यह सामान्य से 59 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के कुल 40 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। इस अतिवृष्टि के कारण प्रदेश के प्रभावित लगभग 254 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। अब तक 28.49 करोड़ रुपए राहत राशि वितरित की जा चुकी है। शासन द्वारा लगभग 3600 करोड़ रुपए की व्यवस्था राहत मदद में की गई है।
53 राहत शिविरों में 3000 से अधिक प्रभावित लोग
फिलहाल 53 राहत शिविरों में 3065 प्रभावित लोगों को रखकर उन्हें सभी प्रकार की जरूरी मदद जैसे खाना-पीना, दवाइयां, कपड़े आदि मुहैया कराए जा रहे हैं। अतिवृष्टि या बाढ़ प्रभावितों को कोई भी कठिनाई न आने पाये और जल्द ही सर्वे पूरा कर पीड़ितों को उनके नुकसान की समुचित भरपाई की जाए, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अफसरों को निर्देश दिए।
संवेदनशील स्थानों पर तैनात है SDRF
बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अतिवृष्टि वाले जिलों के कलेक्टर द्वारा अब तक 28.49 करोड़ रुपए राहत राशि वितरित की जा चुकी है। शासन द्वारा लगभग 3600 करोड़ रुपए की व्यवस्था राहत मदद में की गई है। भारी बारिश को देखते हुए NDRF की टीमों को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और धार में तैनात किया गया है। SDRF को प्रदेश भर में संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया।
हैरान कर रहे बारिश के आंकड़े
प्रदेश सरकार के मुताबिक, मॉनसून के सीजन में अबतक 252 लोगों की मौत हुई है। इनमें से भारी बारिश से 47 लोगों की मौत हुई। नदी-नाले में दुर्घटनावश डूबने से 132 लोगों की मौत हुई। आकाशीय बिजली से 60 लोगों की मौत हुई। दीवार/मकान/पेड़ गिरने से 13 लोगों की मृत्यु दर्ज हुई है। 432 पशु हानि हुई है। 1200 मुर्गियां की मृत्यु हुई है। प्रदेश में तैनात बचाव और राहत दलों द्वारा 432 रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए गए हैं। 3628 नागरिकों को जीवित बचाया गया है। 94 मवेशियों को जीवित बचाया गया है।
मकानों में भी नुकसान
बारिश से 128 मकानों को पूर्ण क्षति हुई है। 2333 मकानों को आंशिक क्षति हुई है। एमपी सरकार के मुताबिक, अब तक प्रदेश में 711.3 MM वर्षा हो चुकी है। यह सामान्य से 59 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के कुल 40 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। इस अतिवृष्टि के कारण प्रदेश के प्रभावित लगभग 254 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। अब तक 28.49 करोड़ रुपए राहत राशि वितरित की जा चुकी है। शासन द्वारा लगभग 3600 करोड़ रुपए की व्यवस्था राहत मदद में की गई है।
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