शादाब रिजवी, बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली से धर्म परिवर्तन का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। बरेली में गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का मामला पुलिस ने पकड़ा हैं। एक पादरी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया हैं। उनको अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भिजवा दिया। पुलिस मामले में जांच कर रही है कि ये लोग कब से धर्मांतरण करा रहे थे? अब तक कितने लोगों का धर्मांतरण करा चुके हैं? कितने लोग धर्म परिवर्तन कराने में शामिल हैं? पुलिस इन सवालों के जवाब तलाश रही है।
बरेली पुलिस के मुताबिक, थाना बारादरी क्षेत्र के चौकी रूहेलखंड में स्थित सुपर सिटी में किराए के मकान से पादरी सुमित मैसी अपने साथियों अमित मैसी उर्फ अक्षय मैसी और सत्यपाल के साथ लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहा था। पुलिस का कहना है कि ये लोग गरीब, दलित, ओबीसी और सामाजिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को निशाना बना रहे थे।
लोगों को बरगलाने का आरोपपुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि धर्मांतरण से पहले आरोपी जादू-टोना करके लोगों को अपने पक्ष में करते थे। उन्हें लालच देते थे। उन्हें बाइबिल और ईसाई ग्रंथ पढ़ाते थे। गरीब लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए तैयार किया जाता था। बरेली के सुभाष नगर निवासी ऋषभ ठाकुर ने बारादरी थाने में तहरीर देकर बताया था कि पादरी सुमित मैसी और उसके सहयोगी हिंदू महिलाओं एवं बच्चों को बहका कर ईसाई धर्म में परिवर्तित कर रहे हैं।
ऋषभ ने बताया था कि कि वह खुद भी धोखे से धर्म परिवर्तन कर चुका है। सोमवार थाना प्रभारी निरीक्षक बारादरी धनंजय पांडे ने पुलिस टीम के साथ जांच की। पता चला कि धर्म परिवर्तन कराने वाले कई लोग बरेली छोड़कर जाने की कोशिश में हैं।
पुलिस ने की कार्रवाईपुलिस ने इसके बाद दबिश देकर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि पूछताछ में पादरी सुमित मैसी ने बताया कि जो लोग ईसाई धर्म अपनाना चाहते हैं, उन्हें वे पहले प्रार्थना कराते हैं। इसके बाद इलाज और बेहतर जीवन का भरोसा देकर धर्म परिवर्तन कराते हैं। वह अब तक कई महिलाओं और बच्चों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करा चुके है। पुलिस का कहना है कि आरोपी सुमित मैसी पादरी, अमित मैसी उर्फ अक्षय मैसी और सत्यपाल को जेल भेज दिया गया है।
बरेली पुलिस के मुताबिक, थाना बारादरी क्षेत्र के चौकी रूहेलखंड में स्थित सुपर सिटी में किराए के मकान से पादरी सुमित मैसी अपने साथियों अमित मैसी उर्फ अक्षय मैसी और सत्यपाल के साथ लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहा था। पुलिस का कहना है कि ये लोग गरीब, दलित, ओबीसी और सामाजिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को निशाना बना रहे थे।
लोगों को बरगलाने का आरोपपुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि धर्मांतरण से पहले आरोपी जादू-टोना करके लोगों को अपने पक्ष में करते थे। उन्हें लालच देते थे। उन्हें बाइबिल और ईसाई ग्रंथ पढ़ाते थे। गरीब लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए तैयार किया जाता था। बरेली के सुभाष नगर निवासी ऋषभ ठाकुर ने बारादरी थाने में तहरीर देकर बताया था कि पादरी सुमित मैसी और उसके सहयोगी हिंदू महिलाओं एवं बच्चों को बहका कर ईसाई धर्म में परिवर्तित कर रहे हैं।
ऋषभ ने बताया था कि कि वह खुद भी धोखे से धर्म परिवर्तन कर चुका है। सोमवार थाना प्रभारी निरीक्षक बारादरी धनंजय पांडे ने पुलिस टीम के साथ जांच की। पता चला कि धर्म परिवर्तन कराने वाले कई लोग बरेली छोड़कर जाने की कोशिश में हैं।
पुलिस ने की कार्रवाईपुलिस ने इसके बाद दबिश देकर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि पूछताछ में पादरी सुमित मैसी ने बताया कि जो लोग ईसाई धर्म अपनाना चाहते हैं, उन्हें वे पहले प्रार्थना कराते हैं। इसके बाद इलाज और बेहतर जीवन का भरोसा देकर धर्म परिवर्तन कराते हैं। वह अब तक कई महिलाओं और बच्चों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करा चुके है। पुलिस का कहना है कि आरोपी सुमित मैसी पादरी, अमित मैसी उर्फ अक्षय मैसी और सत्यपाल को जेल भेज दिया गया है।
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