मुंबई: महाराष्ट्र के मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (MIAL) के 15 अधिकारियों का नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। इस सभी पर एयरपोर्ट सुरक्षा जांच के दौरान यात्रियों से जब्त किए गए तेल की बोतलें, नारियल और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं निजी इस्तेमाल के लिए ले जाने का आरोप है। एविएशन सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई पिछले महीने 1 अगस्त के बाद हुई जब मानव संसाधन विभाग (HR) ने इन अधिकारियों को सीसीटीवी फुटेज दिखाया। फुटेज में स्पष्ट रूप से देखा गया कि ये अधिकारी सुरक्षा-प्रतिबंधित वस्तुएं जैसे नारियल, तेल की बोतलें और अन्य सामान अपने पास ले जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अधिकारी 10 से 20 साल से एयरपोर्ट सेवाओं में कार्यरत थे।
बता दें कि ये वो वस्तुएं थी जिन्हें यात्रियों को विमान के केबिन में ले जाने की अनुमति नहीं होती। इनमें चाकू, बैटरियां, माचिस, ई-सिगरेट, नारियल, तेल, कैंची, स्क्रूड्राइवर, टेप, खिलौना बंदूक, कटर और अन्य कई वस्तुएं शामिल हैं। ये सामान सीआईएसएफ द्वारा सुरक्षा जांच के दौरान जब्त कर लिया जाता है और बाद में एमआईएएल के टर्मिनल ऑपरेशन विभाग को सौंप दिया जाता है।
नौकरी जाने के बाद क्या बोले अधिकारी
निकाले गए अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कभी यह साफ तौर पर नहीं बताया गया कि इन सामानों को लेना गंभीर अपराध माना जाएगा। उनके अनुसार, ये वस्तुएं अक्सर कचरे में फेंक दी जाती थीं या फिर एनजीओ को दान कर दी जाती थीं। अधिकारियों ने शिकायत की कि वर्षों तक इन वस्तुओं को कोई महत्व नहीं दिया गया और पहली बार की गलती के लिए उन्हें बिना चेतावनी के बाहर कर दिया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक शेट्टी का कहना है कि किसी भी कर्मचारी को हटाने से पहले उचित जांच और प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यह स्पष्ट किया है कि बगैर सुनवाई और चार्जशीट दिए किसी को नौकरी से निकालना उचित नहीं है। जबरन इस्तीफा दिलाना भी अवैध बर्खास्तगी के बराबर है।
मई महीने में जब्त किया गया था ये सामान
मुंबई एयरपोर्ट प्रतिदिन लगभग 1.5 लाख यात्रियों को संभालता है। यहां रोजाना यात्रियों से दर्जनों प्रतिबंधित वस्तुएं जब्त की जाती हैं। मई माह के एक रिकॉर्ड में ही 50 नारियल, 25 माचिस, 12 कैंचियां, 9 चाकू, 14 स्क्रूड्राइवर, 20 टैल्कम पाउडर और कई अन्य वस्तुएं जब्त की गई थीं। यह मामला अब कर्मचारी अधिकारों और एयरपोर्ट प्रबंधन की नीतियों पर सवाल खड़े कर रहा है।
बता दें कि ये वो वस्तुएं थी जिन्हें यात्रियों को विमान के केबिन में ले जाने की अनुमति नहीं होती। इनमें चाकू, बैटरियां, माचिस, ई-सिगरेट, नारियल, तेल, कैंची, स्क्रूड्राइवर, टेप, खिलौना बंदूक, कटर और अन्य कई वस्तुएं शामिल हैं। ये सामान सीआईएसएफ द्वारा सुरक्षा जांच के दौरान जब्त कर लिया जाता है और बाद में एमआईएएल के टर्मिनल ऑपरेशन विभाग को सौंप दिया जाता है।
नौकरी जाने के बाद क्या बोले अधिकारी
निकाले गए अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कभी यह साफ तौर पर नहीं बताया गया कि इन सामानों को लेना गंभीर अपराध माना जाएगा। उनके अनुसार, ये वस्तुएं अक्सर कचरे में फेंक दी जाती थीं या फिर एनजीओ को दान कर दी जाती थीं। अधिकारियों ने शिकायत की कि वर्षों तक इन वस्तुओं को कोई महत्व नहीं दिया गया और पहली बार की गलती के लिए उन्हें बिना चेतावनी के बाहर कर दिया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक शेट्टी का कहना है कि किसी भी कर्मचारी को हटाने से पहले उचित जांच और प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यह स्पष्ट किया है कि बगैर सुनवाई और चार्जशीट दिए किसी को नौकरी से निकालना उचित नहीं है। जबरन इस्तीफा दिलाना भी अवैध बर्खास्तगी के बराबर है।
मई महीने में जब्त किया गया था ये सामान
मुंबई एयरपोर्ट प्रतिदिन लगभग 1.5 लाख यात्रियों को संभालता है। यहां रोजाना यात्रियों से दर्जनों प्रतिबंधित वस्तुएं जब्त की जाती हैं। मई माह के एक रिकॉर्ड में ही 50 नारियल, 25 माचिस, 12 कैंचियां, 9 चाकू, 14 स्क्रूड्राइवर, 20 टैल्कम पाउडर और कई अन्य वस्तुएं जब्त की गई थीं। यह मामला अब कर्मचारी अधिकारों और एयरपोर्ट प्रबंधन की नीतियों पर सवाल खड़े कर रहा है।
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