रामबाबू मित्तल, मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU) का नाम पिछले कुछ वर्षों में छात्र राजनीति के केंद्र के रूप में उभरा है। इसी विश्वविद्यालय से एक ओर नाम लगातार सुर्खियों में बना हुआ है विकुल चपराणा, जो भाजपा से जुड़े हुए एक चर्चित छात्र नेता के रूप में उभरा और अब सत्ता में अपना दमखम दिखा रहा है। गुर्जर समाज से आने वाले विकुल चपराणा आज उस समय सुखियों में आया जब उसने एक व्यक्ति की भाजपा के ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर के नाम की धमकी देते हुए पुलिस के सामने ने केवल उसकी पिटाई की बल्कि बीच सड़क नाक रगड़वाकर उसे माफी भी मंगवाई थी। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बाद में पुलिस ने अपनी किरकिरी होते देख उसे गिरफ्तार दिखाई।
राजनीति में प्रवेश और तेजी से उभार
विकुल चपराणा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत लगभग 2019-2020 में की थी, जब वो चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बतौर छात्र नेता सक्रिय हुआ था। शुरू में उन्होंने छात्रसंघ की राजनीति के माध्यम से अपनी पहचान बनाई और धीरे-धीरे भाजपा समर्थक छात्र संगठनों से जुड़ गया। विकुल ने जल्द ही मेरठ की छात्र राजनीति के प्रमुख चेहरों में सक्रियता दिखाते हुए गुर्जर समाज में अपनी पकड़ मजबूत की ओर जल्द ही भाजपा के स्थानीय मंत्री के करीब ला दिया।
भाजपा से नज़दीकी और राजनीतिक पहचान
राजनीतिक हलकों में विकुल चपराणा को उत्तर प्रदेश सरकार के गुर्जर समाज से आने वाले ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर का करीबी बन बैठा। यही वजह है कि छात्र राजनीति से आगे बढ़ते हुए उसने स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं और युवा मोर्चा में सक्रिय भूमिका निभाई।
विकुल ने मेरठ, गाजियाबाद और आसपास के जिलों में गुर्जर समाज को एकजुट करने की मुहिम चलाई। कई बार भाजपा के कार्यक्रमों और अभियानों में उसे मंच साझा करते हुए भी देखा गया है। यही कारण है कि ऊर्जा मंत्री के दम पर पंचायत चुनाव में प्रबल दावेदारी मानी जा रही है।
विवादों में घिरा नाम
हाल ही में मेरठ में 19 अक्टूबर को विकुल चपराणा की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल के कारण सुर्खियों में आ गया। सोशल मीडिया पर फैले इस वीडियो में वे मेरठ के तेजगढ़ी चौराहे पर एक युवक से बदसलूकी करते और उसे घुटनों के बल माफी मांगने को मजबूर करते दिखे।
वीडियो में पुलिस भी मौजूद थी, जिससे घटना और भी विवादास्पद बन गई। बताया गया कि मामला एक कार पार्किंग विवाद से जुड़ा था। इस घटना ने जहां उन्हें सोशल मीडिया पर पहचान दिलाई, वहीं विरोधियों ने इसे सत्ता के घमंड और दबंगई की मिसाल बताया।
पंचायत चुनाव की तैयारी और संभावनाएं
विवादों के बावजूद विकुल चपराणा का प्रभाव कम नहीं हुआ है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वे आगामी पंचायत चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं और अपने क्षेत्र में प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
भाजपा में उनकी सक्रियता, गुर्जर समाज में लोकप्रियता और मंत्री से नज़दीकी उन्हें राजनीतिक मंच पर मजबूत स्थिति बताई जा रही है। हालांकि 19 तारीख वाले विवाद ने उनके राजनीतिक सफर पर सवाल खड़े किए हैं, साथ ही ऊर्जामंत्री के लिए भी पार्टी में परेशानी खड़ी कर दी है।
राजनीति में प्रवेश और तेजी से उभार
विकुल चपराणा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत लगभग 2019-2020 में की थी, जब वो चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बतौर छात्र नेता सक्रिय हुआ था। शुरू में उन्होंने छात्रसंघ की राजनीति के माध्यम से अपनी पहचान बनाई और धीरे-धीरे भाजपा समर्थक छात्र संगठनों से जुड़ गया। विकुल ने जल्द ही मेरठ की छात्र राजनीति के प्रमुख चेहरों में सक्रियता दिखाते हुए गुर्जर समाज में अपनी पकड़ मजबूत की ओर जल्द ही भाजपा के स्थानीय मंत्री के करीब ला दिया।
भाजपा से नज़दीकी और राजनीतिक पहचान
राजनीतिक हलकों में विकुल चपराणा को उत्तर प्रदेश सरकार के गुर्जर समाज से आने वाले ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर का करीबी बन बैठा। यही वजह है कि छात्र राजनीति से आगे बढ़ते हुए उसने स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं और युवा मोर्चा में सक्रिय भूमिका निभाई।
विकुल ने मेरठ, गाजियाबाद और आसपास के जिलों में गुर्जर समाज को एकजुट करने की मुहिम चलाई। कई बार भाजपा के कार्यक्रमों और अभियानों में उसे मंच साझा करते हुए भी देखा गया है। यही कारण है कि ऊर्जा मंत्री के दम पर पंचायत चुनाव में प्रबल दावेदारी मानी जा रही है।
विवादों में घिरा नाम
हाल ही में मेरठ में 19 अक्टूबर को विकुल चपराणा की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल के कारण सुर्खियों में आ गया। सोशल मीडिया पर फैले इस वीडियो में वे मेरठ के तेजगढ़ी चौराहे पर एक युवक से बदसलूकी करते और उसे घुटनों के बल माफी मांगने को मजबूर करते दिखे।
वीडियो में पुलिस भी मौजूद थी, जिससे घटना और भी विवादास्पद बन गई। बताया गया कि मामला एक कार पार्किंग विवाद से जुड़ा था। इस घटना ने जहां उन्हें सोशल मीडिया पर पहचान दिलाई, वहीं विरोधियों ने इसे सत्ता के घमंड और दबंगई की मिसाल बताया।
पंचायत चुनाव की तैयारी और संभावनाएं
विवादों के बावजूद विकुल चपराणा का प्रभाव कम नहीं हुआ है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वे आगामी पंचायत चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं और अपने क्षेत्र में प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
भाजपा में उनकी सक्रियता, गुर्जर समाज में लोकप्रियता और मंत्री से नज़दीकी उन्हें राजनीतिक मंच पर मजबूत स्थिति बताई जा रही है। हालांकि 19 तारीख वाले विवाद ने उनके राजनीतिक सफर पर सवाल खड़े किए हैं, साथ ही ऊर्जामंत्री के लिए भी पार्टी में परेशानी खड़ी कर दी है।
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