नई दिल्ली: तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इस वक्त भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं। बीसीसीआई को लगता है कि वह फिट नहीं हैं जबकि शमी का मानना है कि अगर वह फिट नहीं होते तो रणजी ट्रॉफी नहीं खेल रहे होते। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में वाइट बॉल सीरीज के लिए नजरअंदाज किए जाने के बाद, मोहम्मद शमी ने कहा था कि रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए उनकी उपलब्धता उनकी फिटनेस साबित करती है और चयन समिति को इस बारे में जानकारी देना उनका काम नहीं है। शमी को इंग्लैंड दौरे से भी बाहर रखा गया था।
इस बारे में बीसीसीआई के चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर ने कहा, 'अगर उन्होंने कुछ कहा है, तो शायद यह बातचीत मुझे उनसे करनी है या उन्हें मुझसे करनी है। लेकिन इंग्लैंड दौरे से पहले भी, हमने कहा था कि अगर वह फिट होते, तो उस प्लेन में होते। दुर्भाग्य से, वह नहीं थे। हमारा घरेलू सीजन अभी शुरू हुआ है, इसलिए हम देखेंगे कि वह पर्याप्त रूप से फिट हैं या नहीं और फिर देखते हैं कि आगे क्या होता है।' बता दें कि शमी ने रणजी ट्रॉफी के पहले मैच में बंगाल के लिए खेलते हुए उत्तराखंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 7 विकेट लिए,जिसके चलते शमी को प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया। अब अगरकर-शमी की इस पूरी परिस्थिति पर रविचंद्रन अश्विन ने बयान दिया है।
रविचंद्रन अश्विन ने दिया बड़ा बयानरविचंद्रन अश्विन ने इस पूरे मामले पर किसी का पक्ष नहीं लिया। उन्होंने न्यूट्रल रहते हुए अपनी बात रखी। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'मैं एक बात साफ-साफ कहूंगा - भारतीय क्रिकेट में सब कुछ इनडायरेक्ट स्पीच पर चलता है। मैं सचमुच चाहता हूं कि इसमें बदलाव हो। इसे खिलाड़ियों और एडमिनिस्टेटर्स, दोनों की तरफ से बदलना होगा। मैंने देखा है कि अगर कुछ इनडायरेक्टली कहा जाता है, तो वह खबरों में जरूर आएगा। इसलिए, जाहिर है कि खिलाड़ी में किसी के पास जाकर यह कहने का आत्मविश्वास नहीं होता कि 'मैं इस दौर से गुजर रहा हूं।'
अश्विन ने आगे कहा, 'देखिए शमी ने क्या किया। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले - इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन वो ये सब क्यों कह रहे हैं? क्योंकि उन्हें स्पष्टता नहीं है। अगर शमी को स्पष्टता दी गई होती, जैसे कि 'हम यही उम्मीद कर रहे हैं,' तो वो उसी हिसाब से जवाब दे सकते थे। या फिर क्या शमी से बात की गई है और वो उसे जाहिर नहीं करना चाहते? हमें सच्चाई नहीं पता।'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन साथ ही, मुझे पसंद आया जिस तरह से अजीत अगरकर ने इसे हैंडल किया। मुझे उम्मीद है कि वह फोन कॉल हो गई होगी। यह सब कहने के बाद, यह लोगों के साथ सम्मान और गरिमा के साथ पेश आने की बात है। मुझे लगता है कि सीधी बात होना बहुत जरूरी है।'
इस बारे में बीसीसीआई के चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर ने कहा, 'अगर उन्होंने कुछ कहा है, तो शायद यह बातचीत मुझे उनसे करनी है या उन्हें मुझसे करनी है। लेकिन इंग्लैंड दौरे से पहले भी, हमने कहा था कि अगर वह फिट होते, तो उस प्लेन में होते। दुर्भाग्य से, वह नहीं थे। हमारा घरेलू सीजन अभी शुरू हुआ है, इसलिए हम देखेंगे कि वह पर्याप्त रूप से फिट हैं या नहीं और फिर देखते हैं कि आगे क्या होता है।' बता दें कि शमी ने रणजी ट्रॉफी के पहले मैच में बंगाल के लिए खेलते हुए उत्तराखंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 7 विकेट लिए,जिसके चलते शमी को प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया। अब अगरकर-शमी की इस पूरी परिस्थिति पर रविचंद्रन अश्विन ने बयान दिया है।
रविचंद्रन अश्विन ने दिया बड़ा बयानरविचंद्रन अश्विन ने इस पूरे मामले पर किसी का पक्ष नहीं लिया। उन्होंने न्यूट्रल रहते हुए अपनी बात रखी। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'मैं एक बात साफ-साफ कहूंगा - भारतीय क्रिकेट में सब कुछ इनडायरेक्ट स्पीच पर चलता है। मैं सचमुच चाहता हूं कि इसमें बदलाव हो। इसे खिलाड़ियों और एडमिनिस्टेटर्स, दोनों की तरफ से बदलना होगा। मैंने देखा है कि अगर कुछ इनडायरेक्टली कहा जाता है, तो वह खबरों में जरूर आएगा। इसलिए, जाहिर है कि खिलाड़ी में किसी के पास जाकर यह कहने का आत्मविश्वास नहीं होता कि 'मैं इस दौर से गुजर रहा हूं।'
अश्विन ने आगे कहा, 'देखिए शमी ने क्या किया। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले - इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन वो ये सब क्यों कह रहे हैं? क्योंकि उन्हें स्पष्टता नहीं है। अगर शमी को स्पष्टता दी गई होती, जैसे कि 'हम यही उम्मीद कर रहे हैं,' तो वो उसी हिसाब से जवाब दे सकते थे। या फिर क्या शमी से बात की गई है और वो उसे जाहिर नहीं करना चाहते? हमें सच्चाई नहीं पता।'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन साथ ही, मुझे पसंद आया जिस तरह से अजीत अगरकर ने इसे हैंडल किया। मुझे उम्मीद है कि वह फोन कॉल हो गई होगी। यह सब कहने के बाद, यह लोगों के साथ सम्मान और गरिमा के साथ पेश आने की बात है। मुझे लगता है कि सीधी बात होना बहुत जरूरी है।'
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