डायबिटीज़ एक जीवनभर साथ रहने वाली बीमारी है, जिसमें शरीर का ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो जाता है। इसे नियंत्रण में रखने के लिए लोग दवाइयों से लेकर घरेलू नुस्खों तक का सहारा लेते हैं। ऐसे में एक नाम तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, आक का पत्ता, जिसे हिंदी में ‘आक’ और अंग्रेज़ी में Calotropis कहा जाता है।
डाक्टर मानसी मौर्या के मुताबिक आक का पौधा आयुर्वेद में लंबे समय से विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होता आया है। इसके पत्तों में ऐसे प्राकृतिक गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।कुछ शुरुआती रिसर्च और लोगों के अनुभव भी यही बताते हैं कि सही तरीके से सेवन किया जाए तो यह डायबिटीज़ रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आक के पत्ते कैसे काम करते हैं, उनके आयुर्वेदिक गुण क्या हैं, वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं, और इसका सेवन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही जानिए कि इसे अपनी दिनचर्या में कैसे शामिल किया जा सकता है ताकि ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखा जा सके। (Photo Credit): iStock
आक के पत्तों में छुपे हैं औषधीय गुण
आक के पत्तों में मौजूद प्राकृतिक रसायन शरीर की मेटाबॉलिज्म क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इनमें फ्लैवोनॉइड्स, टैनिन्स और एल्कलॉइड्स जैसे तत्व होते हैं, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायक माने जाते हैं। आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी इसका जिक्र है कि आक का पत्ता वात, कफ और पित्त को संतुलित करता है। इन गुणों के कारण यह डायबिटीज़ मरीजों के लिए उपयोगी हो सकता है।
आक का पत्ता कैसे करता है ब्लड शुगर कंट्रोल
आक के पत्ते शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाने का कार्य कर सकते हैं। इससे ग्लूकोज का बेहतर अवशोषण होता है और खून में शुगर लेवल संतुलित रहता है। इसके सेवन से धीरे-धीरे शरीर की संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे दवाओं पर निर्भरता कम हो सकती है। हालांकि यह दवा का विकल्प नहीं है, बल्कि सहायक उपाय है।
आक का सही उपयोग और सेवन की विधि
आक के पत्तों को सुबह खाली पेट पानी में उबालकर उसका अर्क पीना सबसे लोकप्रिय तरीका है। कुछ लोग इसे चाय में मिलाकर या पत्तों का लेप बनाकर भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसकी मात्रा और समय का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट से बचने के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेना फायदेमंद रहेगा।
सेवन करते समय रखें ये सावधानियां

आक का पौधा हल्का विषैला भी माना जाता है, इसलिए इसका बिना जानकारी उपयोग नुकसान पहुंचा सकता है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और जिन लोगों को त्वचा या पेट से जुड़ी संवेदनशीलता है, उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए। साथ ही डायबिटीज़ की दवा ले रहे लोग डॉक्टर से पूछे बिना इसका उपयोग न करें।
वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं आक के पत्तों पर

कुछ रिसर्च (Ref) में आक के पत्तों के एंटी-डायबेटिक गुण सामने आए हैं। खासकर पशुओं पर किए गए प्रयोगों में इसके सकारात्मक परिणाम देखे गए हैं। हालांकि इंसानों पर इसके प्रभाव को लेकर अभी व्यापक शोध की आवश्यकता है। फिर भी पारंपरिक चिकित्सा में इसे एक सहायक उपाय के रूप में माना जा सकता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर है।
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