पटनाः पटना के शाहपुर थाना क्षेत्र के बाबूचक गांव में आज शाम एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। गांव के एक ही परिवार के तीन मासूम बच्चों की पोखर में डूबकर मौत हो गई। घटना की खबर मिलते ही पूरे गाँव में कोहराम मच गया और हर किसी की आँखें नम हो गईं।
कैसे हुआ हादसा
मिली जानकारी के अनुसार, गांव के सोनू राय के दो पुत्र कमल और रोहित तथा धीरज का पुत्र आयुष सोमवार की शाम गांव के पास स्थित पोखर में नहाने गए थे। आपस में चचेरे भाई बताये जाने वाले ये तीनों बच्चे पानी में नहाने के दौरान अचानक गहरे गड्ढे में चले गए और डूबने लगे। आसपास मौजूद लोगों ने शोर सुनकर बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक तीनों की जान जा चुकी थी।
गांव में मातम और परिजनों का विलाप
जैसे ही यह खबर गाँव में फैली, मृत बच्चों के घरों में मातम छा गया। परिजन बच्चों के शव दरवाजे पर रखकर चीख-पुकार कर रहे हैं। माताओं का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं पिता और अन्य परिजन भी गहरे सदमे में हैं। पूरा बाबूचक गांव गमगीन माहौल में डूबा हुआ है।
पुलिस पहुंची मौके पर, परिजन शव देने को तैयार नहीं
घटना की सूचना पाकर शाहपुर थाना पुलिस मौके पर पहुँची। पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी कर रही है, लेकिन गुस्साए और दुख में डूबे परिजन शव देने से इंकार कर रहे हैं। पुलिस लगातार लोगों को समझाने-बुझाने की कोशिश कर रही है।
गांव के लोगों की प्रतिक्रियाएं
स्थानीय ग्रामीण तेजू राय ने कहा कि “यह बहुत ही दर्दनाक घटना है। एक ही परिवार के तीन बच्चों का यूं चले जाना पूरे गाँव के लिए असहनीय है।” वहीं मुखिया सुनील कुमार ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए प्रशासन से परिवार को हर संभव मदद देने की मांग की।
गांव में शोक की लहर
इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। बच्चों की मासूमियत और अचानक हुई मौत से गांव के लोग सदमे में हैं। हर किसी की जुबान पर सिर्फ यही बात है कि तीन-तीन फूल जैसे बच्चों की मौत से गाँव का माहौल कभी नहीं भूल पाएगा।
कैसे हुआ हादसा
मिली जानकारी के अनुसार, गांव के सोनू राय के दो पुत्र कमल और रोहित तथा धीरज का पुत्र आयुष सोमवार की शाम गांव के पास स्थित पोखर में नहाने गए थे। आपस में चचेरे भाई बताये जाने वाले ये तीनों बच्चे पानी में नहाने के दौरान अचानक गहरे गड्ढे में चले गए और डूबने लगे। आसपास मौजूद लोगों ने शोर सुनकर बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक तीनों की जान जा चुकी थी।
गांव में मातम और परिजनों का विलाप
जैसे ही यह खबर गाँव में फैली, मृत बच्चों के घरों में मातम छा गया। परिजन बच्चों के शव दरवाजे पर रखकर चीख-पुकार कर रहे हैं। माताओं का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं पिता और अन्य परिजन भी गहरे सदमे में हैं। पूरा बाबूचक गांव गमगीन माहौल में डूबा हुआ है।
पुलिस पहुंची मौके पर, परिजन शव देने को तैयार नहीं
घटना की सूचना पाकर शाहपुर थाना पुलिस मौके पर पहुँची। पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी कर रही है, लेकिन गुस्साए और दुख में डूबे परिजन शव देने से इंकार कर रहे हैं। पुलिस लगातार लोगों को समझाने-बुझाने की कोशिश कर रही है।
गांव के लोगों की प्रतिक्रियाएं
स्थानीय ग्रामीण तेजू राय ने कहा कि “यह बहुत ही दर्दनाक घटना है। एक ही परिवार के तीन बच्चों का यूं चले जाना पूरे गाँव के लिए असहनीय है।” वहीं मुखिया सुनील कुमार ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए प्रशासन से परिवार को हर संभव मदद देने की मांग की।
गांव में शोक की लहर
इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। बच्चों की मासूमियत और अचानक हुई मौत से गांव के लोग सदमे में हैं। हर किसी की जुबान पर सिर्फ यही बात है कि तीन-तीन फूल जैसे बच्चों की मौत से गाँव का माहौल कभी नहीं भूल पाएगा।
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