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एक गीत होंठों पर लिखना... कुमार विश्वास की 5 रोमांटिक कविता, जिसे सुनने के लिए हर प्रेमी जोड़ा रहता है बेकरार

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नई दिल्ली: भारत के प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार सुर्खियों में रहने की वजह उनका परिवार के साथ मिलकर गोवर्धन पूजा मनाना है। इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे देखने के बाद सोशल मीडिया पर लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। दरअसल, कुमार विश्वास की बेटी अग्रता दिवाली के मौके पर अपने पति पवित्र खंडेलवाल के साथ मायके पहुंची हुई हैं। तो दिवाली के बाद उन्होंने अपने पापा और पति के साथ मिलकर गोवर्धन पूजा मनाई और अब इसी तस्वीर को लोग खूब पसंद कर रहे हैं।

बता दें कि कुमार विश्वास अक्सर अपनी कविताओं की वजह से भी चर्चा में रहते हैं। कुमार विश्वास अक्सर अपने कार्यक्रम में प्रेम भरी कविताओं को सुनाते नजर आते हैं, जिन्हें सुनने के बाद जमकर तालियां बजती हैं। तो चलिए आज आपलोगों को कुमार विश्वास की 5 रोमांटिक कविता के बारे में बताते हैं जिन्हें सुनकर आप एकदम खुश हो जाएंगे।

एक गीत पलकों पर लिखना
एक गीत होंठों पर लिखना

यानि सारी गीत हृदय की
मीठी-सी चोटों पर लिखना
जैसे चुभ जाता है कोई कांटा नंगे पांव में
ऐसे गीत उतर आते हैं, मेरे मन के गांव में

जब भी मुंह ढंक लेता हूं
तेरे जुल्फों की छांव में
कितने गीत उतर आते हैं
मेरे मन के गांव में

तुम्हारे पास हूं लेकिन जो दूरी है समझता हूं,
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है समझता हूं।
तुम्हें मैं भूल जाऊंगा ये मुमकिन है नहीं लेकिन,
तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है समझता हूं।

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूं, तू मुझसे दूर कैसी है।
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!

मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक
रोज जाता रहा, रोज आता रहा
तुम गजल बन गईं, गीत में ढल गईं
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहा
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