प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के डीएम मनीष कुमार वर्मा ने चक रोड और अन्य सार्वजनिक जमीनों पर अवैध कब्जों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने जिले के सभी एसडीएम को पहले ही सख्त निर्देश दिए हैं कि 48 घंटे के भीतर सरकारी जमीनों से कब्जा हटावाएं। पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट तत्काल जिलाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत की जाए। इस संबंध में आने वाली शिकायतों पर भी त्वरित कार्रवाई की जा रही है। दरअसल, जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान शंकरगढ़ ब्लॉक के एक शिकायतकर्ता पर डीएम ने ऑन स्पॉट फैसला लिया। इसकी खूब चर्चा हो रही है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
वीडियो में क्या है?प्रयागराज डीएम के जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान शंकरगढ़ ब्लॉक से एक शिकायतकर्ता सरकारी चक रोड पर अवैध अतिक्रमण की शिकायत लेकर पहुंचे। डीएम के समक्ष उन्होंने कहा कि अधिकारी इस मामले में कार्रवाई नहीं करते हैं। शिकायत पर एक्शन नहीं होता है। इस पर डीएम ने तत्काल संबंधित बीडीओ को फोन लगाया। इसमें वे अधिकारी को शिकायत के आधार पर एक्शन लेने का निर्देश देते दिखाई दिए। उनके एक्शन पर शिकायतकर्ता भी संतुष्ट दिखाई दिए।
डीएम ने बीडीओ कहा कि सोनोवई गांव में चकरोड पर अवैध कब्जे का मामला है। डीएम ने कहा कि 80 फीसदी चक रोड बन चुका है। 20 फीसदी चक रोड के निर्माण में अतिक्रमण का मामला सामने आ रहा है। इस बचे भाग का निर्माण कराइए। अगर रोड को चिह्नित कराने का मामला है तो एसडीओ से बात करिए। इस मामले में एक्शन लेकर हमें रिपोर्ट भेजिए।
शिकायतों का त्वरित समाधानडीएम मनीष कुमार वर्मा अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही जनसुनवाई को प्राथमिकता दे रहे हैं। हर दिन चार से पांच घंटे जनता दर्शन कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुनकर उनका निस्तारण किया जा रहा है। इन्हीं जनसुनवाईयों के दौरान यह सामने आया कि जिले भर में सरकारी जमीनों, खासतौर पर चकमार्गों और ग्राम समाज की संपत्तियों पर अवैध कब्जे तेजी से बढ़ रहे हैं।
इस पर गंभीरता दिखाते हुए डीएम ने कहा कि यह मामला सार्वजनिक हित और प्रशासन की साख से जुड़ा हुआ है। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि इस तरह के मामलों पर त्वरित कार्रवाई की जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हर एसडीएम को आदेशडीएम वर्मा ने जिले के सभी एसडीएम को आदेश दिया है कि वे अपनी-अपनी तहसील में हर दिन कम से कम दो सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटवाएं। यह निर्देश मिलते ही पूरे जिले में एक तरह से अभियान शुरू हो गया। प्रशासनिक टीमों ने बुलडोजर के साथ कई गांवों और कस्बों में अभियान चलाया और चकमार्गों को कब्जामुक्त कराया। डीएम के इस सख्त रुख से जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है।
कौन हैं मनीष कुमार वर्मा?मनीष कुमार वर्मा 2011 बैच के आईएएस अफसर हैं। वह मूल रूप से कुशीनगर जिले के रहने वाले हैं। प्रयागराज से पहले वे गौतमबुद्धनगर के डीएम के रूप में कार्य कर रहे थे। वे कई जिलों में डीएम रह चुके हैं। उन्होंने बलरामपुर एव मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ़ एवं मथुरा में मुख्य विकास अधिकारी के तौर पर अपनी सेवा दी। कुछ दिनों के लिए वे गौतमबुद्धनगर एडिशनल सीईओ नोएडा भी रहे थे।
मनीष कुमार वर्मा को 19 मई 2017 में पहली बार डीएम के तौर पर नियुक्ति मिली। 3 साल डीएम रहने के बाद विशेष सचिव, शिक्षा के पद पर तैनात किए गए। वहां से उन्हें जौनपुर डीएम बनाकर भेजा गया। जौनपुर से वे गौतमबुद्धनगर के डीएम बने थे। 2 साल से ज्यादा समय तक वहां जिलाधिकारी रहे।
वीडियो में क्या है?प्रयागराज डीएम के जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान शंकरगढ़ ब्लॉक से एक शिकायतकर्ता सरकारी चक रोड पर अवैध अतिक्रमण की शिकायत लेकर पहुंचे। डीएम के समक्ष उन्होंने कहा कि अधिकारी इस मामले में कार्रवाई नहीं करते हैं। शिकायत पर एक्शन नहीं होता है। इस पर डीएम ने तत्काल संबंधित बीडीओ को फोन लगाया। इसमें वे अधिकारी को शिकायत के आधार पर एक्शन लेने का निर्देश देते दिखाई दिए। उनके एक्शन पर शिकायतकर्ता भी संतुष्ट दिखाई दिए।
डीएम ने बीडीओ कहा कि सोनोवई गांव में चकरोड पर अवैध कब्जे का मामला है। डीएम ने कहा कि 80 फीसदी चक रोड बन चुका है। 20 फीसदी चक रोड के निर्माण में अतिक्रमण का मामला सामने आ रहा है। इस बचे भाग का निर्माण कराइए। अगर रोड को चिह्नित कराने का मामला है तो एसडीओ से बात करिए। इस मामले में एक्शन लेकर हमें रिपोर्ट भेजिए।
शिकायतों का त्वरित समाधानडीएम मनीष कुमार वर्मा अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही जनसुनवाई को प्राथमिकता दे रहे हैं। हर दिन चार से पांच घंटे जनता दर्शन कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुनकर उनका निस्तारण किया जा रहा है। इन्हीं जनसुनवाईयों के दौरान यह सामने आया कि जिले भर में सरकारी जमीनों, खासतौर पर चकमार्गों और ग्राम समाज की संपत्तियों पर अवैध कब्जे तेजी से बढ़ रहे हैं।
इस पर गंभीरता दिखाते हुए डीएम ने कहा कि यह मामला सार्वजनिक हित और प्रशासन की साख से जुड़ा हुआ है। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि इस तरह के मामलों पर त्वरित कार्रवाई की जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हर एसडीएम को आदेशडीएम वर्मा ने जिले के सभी एसडीएम को आदेश दिया है कि वे अपनी-अपनी तहसील में हर दिन कम से कम दो सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटवाएं। यह निर्देश मिलते ही पूरे जिले में एक तरह से अभियान शुरू हो गया। प्रशासनिक टीमों ने बुलडोजर के साथ कई गांवों और कस्बों में अभियान चलाया और चकमार्गों को कब्जामुक्त कराया। डीएम के इस सख्त रुख से जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है।
कौन हैं मनीष कुमार वर्मा?मनीष कुमार वर्मा 2011 बैच के आईएएस अफसर हैं। वह मूल रूप से कुशीनगर जिले के रहने वाले हैं। प्रयागराज से पहले वे गौतमबुद्धनगर के डीएम के रूप में कार्य कर रहे थे। वे कई जिलों में डीएम रह चुके हैं। उन्होंने बलरामपुर एव मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ़ एवं मथुरा में मुख्य विकास अधिकारी के तौर पर अपनी सेवा दी। कुछ दिनों के लिए वे गौतमबुद्धनगर एडिशनल सीईओ नोएडा भी रहे थे।
मनीष कुमार वर्मा को 19 मई 2017 में पहली बार डीएम के तौर पर नियुक्ति मिली। 3 साल डीएम रहने के बाद विशेष सचिव, शिक्षा के पद पर तैनात किए गए। वहां से उन्हें जौनपुर डीएम बनाकर भेजा गया। जौनपुर से वे गौतमबुद्धनगर के डीएम बने थे। 2 साल से ज्यादा समय तक वहां जिलाधिकारी रहे।
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