मथुरा: दिल्ली से वृंदावन के बीच बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा चल रही है। 7 नवंबर को शुरू हुई पदयात्रा आठ नवंबर को फरीदाबाद पहुंची। इसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पहुंचे। क्रिकेटर उमेश यादव, शिखर धवन और रेसलर खली जैसे प्रसिद्ध लोग भी पदयात्रा को अपना समर्थन देने के लिए पहुंचे। इस मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। अव्यवस्था के चलते पंडित धीरेंद्र शास्त्री को नाश्ते को लेकर श्रद्धालुओं से अपील करनी पड़ी है। इससे जुड़ा एक वीडियो सामने आया है।
वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- 'कुछ पदयात्री इतने होशियार हैं कि वे हमसे आगे निकल जाते हैं। रास्ते में जहां भी जलपान का प्रबंध होता है वे चाट-पकौड़ी साफ कर देते हैं। आज की पूरी पदयात्रा में हम कसम खाकर कह सकते हैं कि हमें दोना भी ढंग का मिला होगा। दोना और बोतलें ऐसी कुचली मिलीं जैसे उन पर भीड़ चढ़ गई हो। हमने रास्ते में पूछा कि सड़क पर इतने दोना क्यों पड़े हैं तो बताया गया कि यहां समोसा बंटा था। हमने कहा कि समोसा कहां गया तो बोले वो तो पेट में चला गया। हमने पूछा किसके पेट में गए तो बताया गया पदयात्रियों के। फिर हमने कहा कि पदयात्री तो हम भी हैं तो आयोजकों ने बोला- नहीं, आगे आपसे बड़े वाले हैं।'
'पदयात्रा पहुंचने से पहले भंडारे में पहुंच जा रहे लोग'धीरेंद्र शास्त्री ने अपील की कि कृपया पदयात्री ऐसा ना करें। अभी हमें कात्यायनी मंदिर पहुंचने में चार किलोमीटर बचा था कि पता चला कि पदयात्रा पहुंच गई। हमने पूछा कि अभी तो हम यही हैं तो बताया गया कि पदयात्रा कात्यायनी मंदिर पहुंच गई है और पदयात्री पूछ रहे हैं कि भोजन का भंडारा कितने बजे शुरू होगा। मेरे सामने आगे जो लोग बैठे हैं हमें तो उन पर ही शक है। कृपया ऐसा ना करें।
वृंदावन में होगा पदयात्रा का समापनआपको बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री ने दिल्ली से वृंदावन के बीच करीब 170 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की है। 7 नवंबर से शुरू यह पदयात्रा 16 नंवबर को वृंदावन पहुंचेगी। यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के छह जिलों से होकर गुजर रही है।
वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- 'कुछ पदयात्री इतने होशियार हैं कि वे हमसे आगे निकल जाते हैं। रास्ते में जहां भी जलपान का प्रबंध होता है वे चाट-पकौड़ी साफ कर देते हैं। आज की पूरी पदयात्रा में हम कसम खाकर कह सकते हैं कि हमें दोना भी ढंग का मिला होगा। दोना और बोतलें ऐसी कुचली मिलीं जैसे उन पर भीड़ चढ़ गई हो। हमने रास्ते में पूछा कि सड़क पर इतने दोना क्यों पड़े हैं तो बताया गया कि यहां समोसा बंटा था। हमने कहा कि समोसा कहां गया तो बोले वो तो पेट में चला गया। हमने पूछा किसके पेट में गए तो बताया गया पदयात्रियों के। फिर हमने कहा कि पदयात्री तो हम भी हैं तो आयोजकों ने बोला- नहीं, आगे आपसे बड़े वाले हैं।'
'पदयात्रा पहुंचने से पहले भंडारे में पहुंच जा रहे लोग'धीरेंद्र शास्त्री ने अपील की कि कृपया पदयात्री ऐसा ना करें। अभी हमें कात्यायनी मंदिर पहुंचने में चार किलोमीटर बचा था कि पता चला कि पदयात्रा पहुंच गई। हमने पूछा कि अभी तो हम यही हैं तो बताया गया कि पदयात्रा कात्यायनी मंदिर पहुंच गई है और पदयात्री पूछ रहे हैं कि भोजन का भंडारा कितने बजे शुरू होगा। मेरे सामने आगे जो लोग बैठे हैं हमें तो उन पर ही शक है। कृपया ऐसा ना करें।
वृंदावन में होगा पदयात्रा का समापनआपको बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री ने दिल्ली से वृंदावन के बीच करीब 170 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की है। 7 नवंबर से शुरू यह पदयात्रा 16 नंवबर को वृंदावन पहुंचेगी। यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के छह जिलों से होकर गुजर रही है।
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