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प्रसूता को अस्पताल लेकर जा रहा चालक रास्ते में एंबुलेंस रोककर सोया, उठकर लगी गुटखे की तलब, आधे रास्ते में बाहर आ गया बच्चा

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छिंदवाड़ा : जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल है, इसकी एक बानगी छिंदवाड़ा में देखने को मिली। स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े करने वाली यह घटना गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात सामने आई। प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक महिला को चावलपानी से तामिया अस्पताल लाने के दौरान 108 एम्बुलेंस चालक ने गंभीर लापरवाही बरती। 50 किमी की दूरी तय करने में चालक ने करीब तीन घंटे लगाए। रास्ते में उसने कई बार एम्बुलेंस रोकी। यही नहीं झिरपा में गाड़ी खड़ी कर सो गया और देलाखारी में गुटखा व चाय लेने के लिए भी रुका।



एम्बुलेंस में ही शुरू हो गया प्रसव

सावरवानी निवासी अनिल परानी ने बताया कि पत्नी भगवती को प्रसव पीड़ा बढ़ने पर चावलपानी अस्पताल ले जाना था। वहां से परिजनों ने 108 सेवा को कॉल किया। एंबुलेंस चालक ने घनघोर लापरवाही करते हुए गाड़ी को कई जगह रोका। नतीजा यह हुआ कि अस्पताल जाते समय एम्बुलेंस में ही प्रसव की प्रक्रिया शुरू हो गई। बच्चा आधा बाहर आ चुका था। जैसे-तैसे अस्पताल पहुंचने पर महिला का प्रसव कराया गया।



अस्पताल पहुंचते ही रुपए की मांग

एंबुलेंस चालक ने हद तो तब पार की, जब अस्पताल पहुंचने के बाद उसने परिजनों से एम्बुलेंस धुलवाने के लिए 300 रुपए की मांग कर दी। तमाम बहस के बाद परिजन केवल 200 रुपए ही दे पाए। आरोप है कि चालक ने यह राशि लेकर ही उन्हें छोड़ा।



शिकायत पर कार्रवाई की तैयारी

घटना की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है। बीएमओ तामिया डॉ. जितेन्द्र उईके ने बताया कि प्रसूता और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। एम्बुलेंस चालक की लापरवाही की शिकायत जिला समन्वयक को भेज दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एंबुलेंस चालक पर कार्रवाई की जाएगी।

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