Indians in USA: अमेरिका में लाखों की संख्या में भारतीय जॉब कर रहे हैं, जिनमें से बड़ी तादाद उन लोगों की है, जो H-1B वीजा पर हैं। ये वही वीजा है, जिसे लेकर अमेरिका में बवाल मचा है। कहा जा रहा है कि इस वीजा के जरिए भारतीय वर्कर्स अमेरिकियों की नौकरी खा रहे हैं। अब आलम ये है कि जो लोग H-1B पर जॉब कर रहे हैं, उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। ऐसा ही कुछ एक भारतीय मैनेजर को भी सहना पड़ा है, जिसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ब्लाइंड पर अपना दुख शेयर किया है।
भारतीय टेक मैनेजर ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री में अमेरिकी वर्कर्स भारतीयों को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं। वर्कप्लेस को लेकर चर्चा करने वाले प्लेटफॉर्म ब्लाइंड पर भारतीय मैनेजर ने एक पोस्ट किया, जिसका टाइटल 'मैं एक भारतीय मैनेजर हूं और मुझे उन चीजों के लिए नफरत मिल रही होती है, जो मैंने नहीं कीं' था। यूजर ने बताया कि वह अमेरिका में H-1B वीजा पर काम करने आया था। वह अपनी मेहनत से लेवल L5 से L7 तक पहुंचा है और उसने हमेशा निष्पक्षता और योग्यता में विश्वास किया है।
मैंने हमेशा निष्पक्षता दिखाई, अब बढ़ रही नफरत: भारतीय मैनेजर
ब्लाइंड पर अपनी पोस्ट में भारतीय मैनेजर ने कहा, 'मैं H-1B वीजा पर अमेरिका में जॉब करने आया और फिर मेहनत के बूते लेवल L5 से L7 तक पहुंचा हूं। मैंने हमेशा अपने साथियों के साथ निष्पक्षता दिखाई है। मैंने लगभग हर बैकग्राउंड से आने वाले लोगों को मेंटर किया है, जो लोग बेस्ट थे, उन्हें जॉब पर रखा। मैंने कभी नस्ल या जाति या अन्य चीजों की परवाह की।' भारतीय ने बताया कि पिछले कुछ वक्त से टेक इंडस्ट्री में उसने भारतीयों को लेकर बढ़ रही नफरत को देखा है।
उसने कहा, 'लेकिन हाल ही में, मैं टेक इंडस्ट्री में भारतीयों के प्रति बहुत गुस्सा देख रहा हूं। ऑनलाइन लोग कहते हैं कि हम सिर्फ अपने ही लोगों को नौकरी पर रखते हैं, या हम यहां जाति व्यवस्था लेकर आए हैं। यह मुझे तोड़ देता है क्योंकि मैंने अपना पूरा करियर इसके उलट करने की कोशिश में बिताया है।'
भारतीय मैनेजर ने कहा, 'मैं अमेरिका में अपनापन पाने के लिए आया, लेकिन अब भी मुझे ऐसा लगता है कि मैं भारत में रहता हूं, क्योंकि मेरा सामाजिक दायरा ज्यादातर भारतीयों का है। लगता है मैं बहुत भोला था? हालांकि मुझे ऐसा सोचना भी पसंद नहीं। मुझे नहीं पता कि टेक सेक्टर में भारतीय होना कब लोगों को नापसंद होने लगा।'
भारतीय टेक मैनेजर ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री में अमेरिकी वर्कर्स भारतीयों को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं। वर्कप्लेस को लेकर चर्चा करने वाले प्लेटफॉर्म ब्लाइंड पर भारतीय मैनेजर ने एक पोस्ट किया, जिसका टाइटल 'मैं एक भारतीय मैनेजर हूं और मुझे उन चीजों के लिए नफरत मिल रही होती है, जो मैंने नहीं कीं' था। यूजर ने बताया कि वह अमेरिका में H-1B वीजा पर काम करने आया था। वह अपनी मेहनत से लेवल L5 से L7 तक पहुंचा है और उसने हमेशा निष्पक्षता और योग्यता में विश्वास किया है।
मैंने हमेशा निष्पक्षता दिखाई, अब बढ़ रही नफरत: भारतीय मैनेजर
ब्लाइंड पर अपनी पोस्ट में भारतीय मैनेजर ने कहा, 'मैं H-1B वीजा पर अमेरिका में जॉब करने आया और फिर मेहनत के बूते लेवल L5 से L7 तक पहुंचा हूं। मैंने हमेशा अपने साथियों के साथ निष्पक्षता दिखाई है। मैंने लगभग हर बैकग्राउंड से आने वाले लोगों को मेंटर किया है, जो लोग बेस्ट थे, उन्हें जॉब पर रखा। मैंने कभी नस्ल या जाति या अन्य चीजों की परवाह की।' भारतीय ने बताया कि पिछले कुछ वक्त से टेक इंडस्ट्री में उसने भारतीयों को लेकर बढ़ रही नफरत को देखा है।
उसने कहा, 'लेकिन हाल ही में, मैं टेक इंडस्ट्री में भारतीयों के प्रति बहुत गुस्सा देख रहा हूं। ऑनलाइन लोग कहते हैं कि हम सिर्फ अपने ही लोगों को नौकरी पर रखते हैं, या हम यहां जाति व्यवस्था लेकर आए हैं। यह मुझे तोड़ देता है क्योंकि मैंने अपना पूरा करियर इसके उलट करने की कोशिश में बिताया है।'
भारतीय मैनेजर ने कहा, 'मैं अमेरिका में अपनापन पाने के लिए आया, लेकिन अब भी मुझे ऐसा लगता है कि मैं भारत में रहता हूं, क्योंकि मेरा सामाजिक दायरा ज्यादातर भारतीयों का है। लगता है मैं बहुत भोला था? हालांकि मुझे ऐसा सोचना भी पसंद नहीं। मुझे नहीं पता कि टेक सेक्टर में भारतीय होना कब लोगों को नापसंद होने लगा।'
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