अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ‘‘क्रीमिया रूस के साथ रहेगा’’। साथ ही उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध का अंत चाहते हैं। ट्रंप ने शुक्रवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का जिक्र करते हुए कहा कि वह (जेलेंस्की) मौजूदा स्थिति को समझते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को ‘टाइम’ पत्रिका को दिए साक्षात्कार में यह टिप्पणी की।
ट्रंप, जेलेंस्की पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता का विरोध करके युद्ध को लम्बा खींचने का आरोप लगाते रहे हैं। क्रीमिया दक्षिणी यूक्रेन में काला सागर के किनारे एक रणनीतिक प्रायद्वीप है। वर्ष 2014 में रूस ने इस पर कब्जा कर लिया था, जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर थे। ट्रंप ने कहा, ‘‘हम जिस अवधि की बात कर रहे हैं, उससे बहुत पहले से ही उनकी पनडुब्बियां वहां मौजूद हैं। क्रीमिया में लोग मुख्य रूप से रूसी नागरिक हैं।
रूस में कार में बम विस्फोट से सेना के वरिष्ठ अधिकारी की मौतरूस की राजधानी में शुक्रवार को एक कार में हुए बम विस्फोट की चपेट में आने से सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी की मौत हो गई। रूस की शीर्ष आपराधिक जांच एजेंसी ने यह जानकारी दी।जांच एजेंसी ने कहा कि रूस के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ में मुख्य परिचालन विभाग के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल यारोस्लाव मोस्कालिक की बम विस्फोट में मौत हो गई। उसने बताया कि मॉस्को के बाहर बालाशिखा इलाके में अधिकारी की कार में विस्फोटक उपकरण रखा गया था और इसमें धमाका हो जाने से उनकी मौत हुई।
जांच एजेंसी ने इस हमले के संभावित संदिग्धों के बारे में कोई जिक्र नहीं किया है। लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव की हत्या के बाद मोस्कालिक पर भी इसी तरह का हमला किया गया है। दरअसल, 17 दिसंबर को किरिलोव के अपार्टमेंट के बाहर खड़े एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में बम छिपाया गया और जब वह अपने कार्यालय के लिए निकल रहे थे तभी इसमें विस्फोट हो जाने से उनकी मौत हो गई थी। रूस के अधिकारियों ने किरिलोव की हत्या के लिए यूक्रेन को दोषी ठहराया था।
थाईलैंड में पुलिस विमान समुद्र में गिरा, छह लोगों की मौतथाईलैंड के हुआ हिन रिसॉर्ट शहर में शुक्रवार सुबह पुलिस विमान क्रैश हो गया। हादसे में छह लोगों की जान चली गई। थाई राष्ट्रीय पुलिस ने अपने सोशल मीडिया पेज पर बताया कि पुलिस विमानन विभाग का विमान हुआ हिन हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद फेत्चाबुरी प्रांत के चा-आम जिले के पास समुद्र में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान में सवार सभी छह लोग मारे गए। पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना उस समय हुई, जब विमान पैराशूट प्रशिक्षण के लिए उड़ान भर रहा था। विमान में सवार सभी छह लोग पुलिस अधिकारी थे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पांच लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और एक ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि विमान समुद्र में गिर रहा था। शुरुआती जांच में पता चला है कि उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद प्लेन के इंजन में खराबी आ गई। पुलिस ने कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जाएगी। फेत्चाबुरी प्रांत के पुलिस आपातकालीन केंद्र ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 8:15 बजे एक स्थानीय रिसॉर्ट के पास समुद्र में विमान गिरने की सूचना मिली।
रॉयल थाई पुलिस के प्रवक्ता पोल लेफ्टिनेंट जनरल अर्चायोन क्रैथोंग ने कहा कि यह घटना हुआ हिन में पैराशूट प्रशिक्षण अभ्यास की तैयारी के लिए की जा रही परीक्षण उड़ान के दौरान हुई। बैंकॉक पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ितों की पहचान पोल कर्नल प्रथान खिवखम, पोल लेफ्टिनेंट कर्नल पंथेप मणिवाचिरांगकुल और पोल कैप्टन चतुरावोंग वट्टानापाइसर्न के साथ-साथ विमान इंजीनियर पोल लेफ्टिनेंट थानावत मेकप्रासर्ट और मैकेनिक पोल एल/कार्पल जीरावत मक्साखा और पोल सार्जेंट मेजर प्रवत फोलहोंगसा के रूप में हुई। अधिकारियों ने विमान के मॉडल की पुष्टि नहीं की, लेकिन घटनास्थल से मिली तस्वीरों से पता चलता है कि यह एक वाइकिंग डीएससी -6 ट्विन ओटर था। विमान तट से लगभग 100 मीटर दूर समुद्र में गिरा। तस्वीरों में दिख रहा है कि विमान आधा डूबा हुआ था और दो टुकड़ों में टूट गया था।
टीकाकरण दर में गिरावट से अमेरिका में फिर बढ़ सकते हैं खसरे के मामलेअमेरिका में खसरा बीमारी दोबारा बड़ी संख्या में फैल सकती है, क्योंकि वहां बच्चों को टीके लगवाने की दर कई राज्यों में घटती जा रही है। यह बात एक नई रिसर्च में सामने आई है। अमेरिका की स्टैनफोर्ड, बायलर, राइस और टेक्सास यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक मॉडल के जरिए यह अध्ययन किया। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, इस मॉडल ने अलग-अलग टीकाकरण दरों के साथ 25 सालों के अलग-अलग हालातों का अध्ययन किया।
जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया कि अगर अभी जैसी ही टीकाकरण की स्थिति बनी रही, तो खसरा बीमारी अमेरिका में फिर से आम हो सकती है और अगले 25 साल में करीब 8.5 लाख से ज़्यादा खसरे के मामले सामने आ सकते हैं। अगर टीकाकरण की दर 10% कम हो गई, तो करीब 1.1 करोड़ लोग खसरे की चपेट में आ सकते हैं। और अगर यह दर 50% तक गिर गई, तो हालात और भी ज़्यादा गंभीर हो जाएंगे जिसमें 5.1 करोड़ खसरे के मामले, 99 लाख रूबेला, 43 लाख पोलियो, 197 डिप्थीरिया के मामले, 10.3 लाख अस्पताल में भर्ती मामले और करीब 1.6 लाख मौतें हो सकती हैं।
कोविड-19 महामारी के समय से अमेरिका में टीके लगवाने की दर कम होती जा रही है। इसकी वजहें हैं, जैसे नीतियों में बदलाव (जैसे माता-पिता की निजी मान्यताओं के आधार पर टीके न लगवाना), गलत जानकारी का फैलना, सरकार और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भरोसे की कमी, और समाज से जुड़ी अन्य समस्याएं। अब कुछ नीति-निर्माता बच्चों को दिए जाने वाले टीकों की संख्या घटाने पर भी विचार कर रहे हैं। इस सबके बीच टीके से बचाई जा सकने वाली बीमारियां जैसे खसरा फिर से फैलने लगी हैं। 2024 से अब तक अमेरिका में खसरे के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से कई बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर टीकाकरण की दर बढ़ाई जाए, तो खसरा जैसी बीमारियों को फिर से फैलने से रोका जा सकता है। उनका साफ कहना है कि बचपन के नियमित टीकाकरण को जारी रखना बहुत जरूरी है, नहीं तो कई बीमारियां फिर से आम हो जाएंगी।
सऊदी अरब में 12,000 अफगान फर्जी पाकिस्तानी पासपोर्ट के साथ पकड़े गएपिछले पांच वर्षों में 12,000 से अधिक अफगान नागरिकों को सऊदी अरब में पाकिस्तानी पासपोर्ट के साथ पकड़ा गया। पाकिस्तान की आंतरिक मामलों की स्थायी समिति को यह जानकारी दी गई है। यह खुलासा आंतरिक मामलों पर सीनेट की स्थायी समिति की बैठक के दौरान हुआ। मीटिंग में देश से अवैध अफगान नागरिकों को उनके देश भेजने की चल रही प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही खैबर पख्तूनख्वा (केपी) और बलूचिस्तान में कानून और व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। महानिदेशक पासपोर्ट मुस्तफा जमाल काजी ने बताया, "कम से कम 12,000 लोग फर्जी पाकिस्तानी पासपोर्ट पर सऊदी अरब पहुंचे। इनमें से 3,000 के पासपोर्ट फोटो-बदले हुए थे, जबकि 6,000 पासपोर्ट राष्ट्रीय डाटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण (एनएडीआरए) के आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ करके जारी किए गए थे।"
काजी ने बताया, "इन फर्जी दस्तावेजों पर यात्रा करने वाले अधिकांश लोगों को अफगानिस्तान भेज दिया गया। उनमें से कोई भी अब पाकिस्तान में नहीं है।" उन्होंने यह भी खुलासा किया कि एनएडीआरए और पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई, जिसमें कम से कम 35 सहायक निदेशक शामिल हैं। पाकिस्तान के लिए अफगान नागरिकों की विदेश यात्रा के लिए फर्जी पहचान और पासपोर्ट बनाने का मुद्दा वर्षों से एक गंभीर चुनौती रहा है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला कि यही एक कारण है कि सऊदी अरब और यूएई जैसे देश पाकिस्तान के विभिन्न शहरों के लोगों के वीजा को अस्वीकार कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि हजारों अफगान नागरिकों को पाकिस्तान के विभिन्न शहरी और ग्रामीण शहरों के पते वाले फर्जी पासपोर्ट के साथ पकड़ा गया।
दुबई में एक पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा, "यह सच है कि यूएई में अभी भी हजारों अफगान हैं, जिनके पास फर्जी पाकिस्तानी पहचान और पासपोर्ट हैं। यूएई सरकार उन पर नकेल कस रही है और कई लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और निर्वासित कर चुकी है।" पाकिस्तान हजारों अवैध अफ़गान नागरिकों और अफगान नागरिक कार्ड (एसीसी) धारकों को निर्वासित और वापस भेजने की प्रक्रिया में है। विवरण के अनुसार, 1 अप्रैल, 2025 से 80,000 से ज्यादा अफगान नागरिक अफगानिस्तान चले गए हैं। प्रत्यावर्तन के नवीनतम और तीसरे चरण में, पाकिस्तानी अधिकारियों ने पंजीकृत अफगान नागरिकों, जिनमें पंजीकरण प्रमाण (पीओआर) कार्ड धारक भी शामिल हैं। उन्हों स्वेच्छा से अफगानिस्तान लौटने के लिए कहा है, साथ ही कहा गया कि औपचारिक निर्वासन और उनके खिलाफ़ कार्रवाई 30 अप्रैल की समय सीमा समाप्त होने के बाद शुरू होगी।
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