भारत के साथ हालिया सैन्य टकराव के दौरान घायल हुए दो और पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गयी जिसके बाद इस संघर्ष में मरने वाले सैन्यकर्मियों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। सेना ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, भारतीय हमलों के दौरान घायल हुए दो और सैनिकों की मौत हो गई।
उसने एक बयान में कहा कि इन सैनिकों की मौत के साथ ही भारत के साथ टकराव के दौरान मारे गए सैन्यकर्मियों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है।
मृत सैनिकों की पहचान पाकिस्तानी सेना के हवलदार मुहम्मद नवीद और पाकिस्तानी वायुसेना के वरिष्ठ तकनीशियन मुहम्मद अयाज के रूप में की गई है।
सेना ने कहा, “उनका बलिदान सदैव राष्ट्र की सामूहिक स्मृति में अंकित रहेगा तथा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।” मंगलवार को सेना ने कहा था कि ड्यूटी के दौरान 11 सैन्यकर्मी मारे गए तथा 78 घायल हुए।
पिछले सप्ताह भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में आतंकी ढांचे पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत लक्षित हमले किए थे। भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया।
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद संघर्ष समाप्त करने के लिए शनिवार को सहमति बन गई।
‘माउंट एवरेस्ट’ पर एक दिन में चालीस पर्वतारोही चढ़ेदुनिया की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट एवरेस्ट’ पर बुधवार को 40 पर्वतारोहियों ने चढ़ाई की। अभियान आयोजकों ने यह जानकारी दी।
जिन लोगों ने 8849 मीटर ऊंची चोटी चढ़ाई की, उनमें नेपाल के लोगों के साथ-साथ विदेशी भी शामिल थे।
‘सेवेन समिट ट्रैक’ के निदेशक थानेश्वर गुरगैन ने बताया कि इस अभियान में 12 शेरपा सहित 22 पर्वतारोही शामिल थे। ये 12 शेरपा अभियान की आयोजक ‘सेवेन समिट ट्रैक’ से संबंधित थे।
समूह में आठ चीनी नागरिक, एक अमेरिकी नागरिक और एक जापानी नागरिक के अलावा 12 पर्वतारोही गाइड शामिल थे।
इसी तरह, ‘8के एक्सपेडिशंस’’ से सात शेरपाओं सहित 18 पर्वतारोहियों ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की।
‘8के एक्सपेडिशंस’ के प्रबंध निदेशक लकपा शेरपा के अनुसार, रिकॉर्डधारक सानू शेरपा दुनिया की 8,000 मीटर ऊंची चोटियों में से 14 पर दो बार चढ़ने वाले पहले व्यक्ति हैं। वह ‘माउंट एवरेस्ट’ पर चढ़ने वाले नेपाली शेरपाओं में से एक हैं।
लकपा ने बताया कि इस वसंत में शिखर पर पहुंचने वाले अन्य पर्वतारोहियों में चेक गणराज्य के दो और यूक्रेन के छह पर्वतारोही शामिल थे।
इस बार अधिक पर्वतारोही सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने का प्रयास कर रहे हैं और लगभग 450 पर्वतारोहियों ने इस शिखर पर चढ़ने के लिए अधिकारियों से अनुमति प्राप्त की है।
भारत और पाकिस्तान को शांति के लिए राजी किया: ट्रंपराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म कराने में अमेरिका द्वारा मध्यस्थ की भूमिका अदा करने का दावा फिर से दोहराया है।
ट्रंप ने कहा है कि वाशिंगटन, भारत और पाकिस्तान के साथ ‘मध्यस्थ’ के तौर पर शामिल हुआ था। ट्रंप ने साथ ही कहा कि जो कुछ हो रहा था वह उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था और इसलिए उन्होंने दोनों देशों को शांति बनाए रखने के लिए राजी किया।
ट्रंप ने मंगलवार को सऊदी अरब की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद ‘एयरफोर्स वन’ विमान में ‘फॉक्स न्यूज’ से बातचीत में यह बात कही। शनिवार के बाद से यह पांचवीं बार है जब ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘संघर्षविराम’ कराया है।
भारत और पाकिस्तान चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को संघर्ष समाप्त करने पर सहमत हुए थे।
नयी दिल्ली में सरकारी सूत्र लगातार कह रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच जमीन, हवा और समुद्र पर तत्काल प्रभाव से सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति बनी थी। सूत्रों का कहना है कि इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं है।
‘फ़ॉक्स न्यूज’ के सीन हैनिटी को दिए गए एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं व्यस्त रहा हूं लेकिन मुझे इसमें मजा भी आया क्योंकि हम काम पूरा कर रहे थे। ऐसा भी वक्त होता है जब आप बहुत मेहनत करते हैं लेकिन कोई परिणाम नहीं निकलता। ये भी हुआ लेकिन हम काफी काम कर रहे हैं।’’
ट्रंप इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि यह ‘‘अब तक एक अद्भुत सप्ताह’’ रहा जिसमें राष्ट्रपति ने चीन के साथ व्यापार समझौता किया है, भारत और पाकिस्तान में बड़ी भूमिका निभाई है और दवाओं की कीमतों में कटौती की है।
ट्रंप ने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि इससे पहले कभी ऐसा कोई वक्त आया है जब कुछ वक्त के लिए परमाणु युद्ध की आशंका पैदा हुई हो। दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) के पास बहुत अच्छे नेता हैं, ऐसे लोग जिन्हें मैं बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। यकीनन यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया थी। हम भारत और पाकिस्तान के साथ जुड़े थे।’’
जब उनसे पूछा गया कि पर्दे के पीछे क्या हुआ, तो ट्रंप ने कहा, ‘‘ जो हो रहा था वह मुझे अच्छा नहीं लग रहा था और आप जानते हैं कि वे दो बहुत ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। उनके पास परमाणु हथियार हैं।’’
ट्रंप ने कहा,‘‘ अगर वह कभी प्रारंभ हुआ तो वह एक बहुत ही बुरी चीज की शुरुआत होगी। लाखों लोगों की जानें जा सकती थीं। मैंने सोचा कि मुझे बीच में आना चाहिए।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,‘‘ मैंने अच्छा काम किया। मार्को रूबियो (विदेश मंत्री) ने अच्छा काम किया, और उप राष्ट्रपति जे डी वेंस ने अच्छा काम किया। हम एक तरह से एक टीम थे और मुझे लगता है कि हमने उन्हें इस बात के लिए राजी कर लिया कि चलो शांति बनाए रखें और व्यापार समझौते करें। अगर हम व्यापार समझौते कर सकते हैं तो हमें परमाणु हथियारों से कहीं ज़्यादा अच्छा लगेगा और यह एक बढ़िया बात थी।’’
ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘सफलतापूर्वक संघर्षविराम’ कराया है।
ट्रंप ने बाद में ‘ट्रुथ सोशल’ पर अपने एक पोस्ट में कश्मीर मुद्दे के ‘समाधान’ के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने की पेशकश की। साथ ही संघर्ष विराम कराने का श्रेय अमेरिका को दिया।
भारत ने हमेशा कहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई जगह नहीं है।
पोप लियो चौदहवें ने जेल में बंद पत्रकारों की रिहाई की अपील कीपोप लियो चौहदवें ने सोमवार को जेल में बंद पत्रकारों के प्रति एकजुटता व्यक्त की और ‘‘स्वतंत्र भाषण और प्रेस के अनमोल उपहार’’ को कायम रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने 6,000 पत्रकारों के साथ बात की जो प्रथम अमेरिकी पोप के रूप में उनके चुनाव की रिपोर्टिंग करने रोम आये थे।
लियो ने आम जनता के प्रतिनिधियों के साथ अपनी पहली बैठक के लिए जैसे ही वेटिकन सभागार में प्रवेश किया वहां मौजूद लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।
पिछले सप्ताह 24 घंटे के सम्मेलन में चुने गए 69 वर्षीय ऑगस्टीनियन मिशनरी ने पत्रकारों से शब्दों का प्रयोग शांति के लिए करने, युद्ध को अस्वीकार करने तथा हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज बनने का आह्वान किया।
पोप ने दुनिया भर के उन पत्रकारों के साथ एकजुटता प्रकट की जिन्हें सच्चाई की तह तक जाने और उसे उजागर करने की कोशिश के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। उन्होंने वहां मौजूद सवांददाताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पत्रकारों की रिहाई की अपील की।
उन्होंने कहा,‘‘चर्च उन लोगों के साहस का सम्मान करता है। मैं उन लोगों के बारे में सोच रहा हूं जो अपने जीवन की कीमत पर भी युद्ध में रिपोर्टिंग करते हैं - जो सम्मान, न्याय और लोगों के सूचना के अधिकार की रक्षा करते हैं, क्योंकि केवल सूचित व्यक्ति ही स्वतंत्र चुनाव कर सकते हैं।’’
पोप ने कहा, ‘‘कारागार में बंद इन पत्रकारों की पीड़ा राष्ट्रों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अंतरात्मा को चुनौती देती है, तथा हम सभी से स्वतंत्र अभिव्यक्ति और प्रेस के अनमोल उपहार की रक्षा करने का आह्वान करती है।’’
लियो ने अपने संबोधन की शुरुआत अंग्रेजी के कुछ शब्दों के साथ की, तथा मजाकिया लहजे में कहा कि यदि भीड़ अभी भी जगी हुई है और अंत में तालियां बजाती है, तो यह स्वागत में मिली तालियों से अधिक मायने रखता है।
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