सावरकर जयंती से ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निशाने पर आ गए हैं। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि भले ही आज राहुल गांधी और उनकी पार्टी सावरकर को अपशब्द कहें, लेकिन एक समय पर उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1970 के दशक में सावरकर के सम्मान में डाक टिकट जारी किया था।
दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में सावरकर जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान गिरिराज सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जब वह अंडमान स्थित सेल्यूलर जेल गए, तो उन्होंने अनुभव किया कि वीर सावरकर ने भारत माता के लिए किस प्रकार का कठिन और बलिदान भरा जीवन जिया था। उन्होंने उन पीड़ाओं को महसूस किया जो सावरकर ने झेली थीं। गिरिराज सिंह ने लोगों से अपील की कि वे अपने भीतर सावरकर की भावना को जीवित रखें और उसे मरने न दें।
उन्होंने आगे कहा कि 'देश' और 'राष्ट्र' में बड़ा अंतर होता है। देश केवल एक नक्शे का नाम होता है, जबकि राष्ट्र एक गहरी भावना होती है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इज़रायल नाम का देश कुछ समय के लिए भले ही अस्तित्व में नहीं रहा हो, लेकिन यहूदी समुदाय के दिल और मस्तिष्क में इज़रायल एक राष्ट्र के रूप में सदैव जीवित रहा।
केंद्रीय मंत्री ने दी राजनीतिक संदेशों से भरी बड़ी प्रतिक्रियाएं
गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा सामाजिक समरसता को महत्व दिया है और इसमें राष्ट्र को केंद्र में रखा है। उन्होंने कहा कि चाहे बात जाति जनगणना की हो या सामाजिक और जातीय मुद्दों की, राष्ट्रहित को कभी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि मोदी सरकार को आगे तीस वर्षों तक समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि बीते ग्यारह वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर चौथे स्थान तक पहुंचाने का कार्य किया है और देश की सुरक्षा को एक नई ऊँचाई दी है, जो कि अभूतपूर्व है।
बीजेपी नेता सुनील देवधर का विवादित बयान, राहुल गांधी को बताया 'महा बेवकूफ़'
कार्यक्रम में भाग ले रहे बीजेपी नेता सुनील देवधर ने राहुल गांधी को लेकर एक तीखा और विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा, "इस देश में राहुल गांधी नाम का एक महा बेवकूफ़ व्यक्ति है, लेकिन नरेंद्र मोदी इस देश के लिए एक तरह का इन्शोरेंस हैं। जब तक राहुल गांधी विपक्ष में हैं, मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है।"
देवधर ने आगे कहा कि राहुल गांधी बार-बार वीर सावरकर पर माफी मांगने के आरोप लगाते हैं, लेकिन सच यह है कि सावरकर ने कभी माफी नहीं मांगी। उन्होंने अंग्रेजी शासन में उपलब्ध दया याचिका के प्रावधानों के तहत आवेदन दिया था, जैसा कि उस समय महात्मा गांधी और पंडित नेहरू सहित कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने भी किया था। उनका दावा था कि यह सामान्य प्रक्रिया थी जिसे अब तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया जा रहा है।
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