दोस्तो जैसा कि हम सब जानते हैं कि हिंदू धर्म में वास्तुशास्त्र का बहुत अधिक महत्व हैं, जिसका प्राचीन विज्ञान आपके जीवन में खुशहाली लाता हैं और नकारात्मकता को दूर करता है, वास्तु का एक महत्वपूर्ण पहलू पानी से संबंधित वस्तुओं जैसे नल, शॉवर, बेसिन और गीज़र का सही स्थान है। ये रोज़मर्रा की चीज़ें न केवल हमारी दिनचर्या को प्रभावित करती हैं, बल्कि घर में ऊर्जा के प्रवाह को भी प्रभावित कर सकती हैं। आज हम आपको बताएंगे वास्तु के अनुसार घर में किस दिशा में लगानी चाहिए पानी से जुड़ी चीजें-

नल और शॉवर
पानी के नल और शॉवर घर के उत्तर-पूर्व दिशा में आदर्श रूप से स्थापित होने चाहिए। यह स्थान सद्भाव और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है।
वॉशबेसिन
वॉशबेसिन को उत्तर या उत्तर-पूर्व कोने में रखना चाहिए। माना जाता है कि ये दिशाएँ स्वास्थ्य और कल्याण में सहायक होती हैं।
गीज़र
गीज़र या वॉटर हीटर को दक्षिण-पूर्व कोने में रखना सबसे अच्छा होता है। यह अग्नि तत्व से जुड़ा है, जो इस दिशा से जुड़ा है।

बाथटब
यदि आपके पास बाथटब है, तो संतुलित ऊर्जा प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए इसे बाथरूम के उत्तर या उत्तर-पूर्व भाग में रखना चाहिए।
जल निकासी
उचित जल निकासी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जल निकासी व्यवस्था उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए, जिससे पानी का ठहराव न हो और सकारात्मकता बढ़े।
जल उपकरणों का रखरखाव
यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि उपयोग के बाद नल और शॉवर कसकर बंद हों। ऐसा माना जाता है कि पानी का रिसाव आर्थिक नुकसान और घर की समृद्धि में बाधा उत्पन्न करता है।
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