नई दिल्ली, 27 मई . टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा है कि 2025 में स्थिर वृद्धि की उम्मीद, घटती मुद्रास्फीति और वर्तमान मौद्रिक सहजता के साथ भारत का निकट-अवधि मैक्रो-आउटलुक मजबूत बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि क्योंकि नवीनतम वैश्विक वृद्धि अनुमानों को संशोधित किया गया है इसलिए मजबूत, स्थिर और विजिबल सप्लाई चेन की जरूरत पहले से कई ज्यादा महत्वपूर्ण बनी हुई है.
चंद्रशेखरन ने कंपनी की वित्त वर्ष 2025 वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक अस्थिरता और अनिश्चितता के बीच घरेलू बाजार आर्थिक विकास के लिए उज्ज्वल स्थानों में से एक बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि मजबूत जनसांख्यिकी और आर्थिक बुनियादी बातों ने भारत के विकास को आधार बनाया है.
उन्होंने कहा, “भारत का अमेरिका से सीधा संपर्क सीमित है क्योंकि अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सामान देश के सकल घरेलू उत्पाद का केवल 2 प्रतिशत के आसपास है, जो उभरते बाजारों में सबसे कम है.”
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में व्यापार नीति में बदलाव के बीच ग्लोबल मैक्रो नैरेटिव में बदलाव देखा गया है.
कंपनी के लिए मॉडर्न ट्रेड, ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स मजबूत विकास चालक थे.
उन्होंने कहा, “क्विक कॉमर्स में तेजी से वृद्धि देखी गई है, फिर भी भौतिक वितरण भी इस दौरान अत्यंत प्रासंगिक बना हुआ है. हमारी सप्लाई चेन में एआई और मशीन लर्निंग के इंटीग्रेशन ने मांग का पूर्वानुमान लगाने, इन्वेंट्री स्तरों को अनुकूलित करने और दक्षताओं को अनलॉक करने की हमारी क्षमता को बढ़ाया है.”
उन्होंने यह भी कहा कि आज के अनिश्चित और जटिल वैश्विक वातावरण में, कंपनियों को चुस्त और गतिशील रहने की आवश्यकता है.
चंद्रशेखरन ने कहा, “मजबूत, स्थाई और विजिबल सप्लाई चेन की आवश्यकता पहले कभी इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही. उभरती हुई टेक्नोलॉजी जैसे जेन एआई, रोबोटिक्स और ब्लॉकचेन केवल चर्चा का विषय नहीं हैं, बल्कि आवश्यक उपकरण हैं.”
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन तेजी से प्रगति कर रहा है और यह ट्रांजिशन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, रिन्यूएबल पावर, हाइड्रोजन और सस्टेनेबल फ्यूल में पर्याप्त निवेश को बढ़ावा दे रहा है.
उन्होंने कहा, “टाटा कंज्यूमर में हमने इस बड़े और बढ़ते अवसर का लाभ उठाने के लिए एक सर्वव्यापी रणनीति अपनाई है. जेन जी और मिलेनियल्स से खपत में बढ़ती हिस्सेदारी में योगदान देने की उम्मीद है; कुछ अनुमानों के अनुसार, 2030 तक कुल खपत का 76 प्रतिशत हिस्सा जेन जी और मिलेनियल्स से जुड़ा होगा.”
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एसकेटी/केआर
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