New Delhi, 7 नवंबर . अक्टूबर की खुदरा महंगाई दर में 0.4 प्रतिशत से लेकर 0.6 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. इसकी वजह जरूरी चीजों की कीमतों में कमी आना है. यह जानकारी Friday को जारी बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट में दी गई.
रिपोर्ट में बताया गया कि बैंक ऑफ बड़ौदा एसेंशियल कमोडिटीज इंडेक्स (बीओबी ईसीआई) लगातार घट रहा है और अक्टूबर में इसमें 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई है और इस महीने अब तक (6 नवंबर तक) यह 3.8 प्रतिशत गिर चुका है.
बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री अदिति गुप्ता ने कहा, “खाद्य महंगाई दर में गिरावट का रुझान मुख्यतः सब्जियों, खासकर टमाटर, प्याज और आलू में लगातार जारी अपस्फीति के कारण है. मंडी में आवक में मजबूत वृद्धि से भी इसे सपोर्ट मिला है.”
उपज पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार,अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में टमाटर, प्याज और आलू की मंडी आवक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में क्रमशः 14.3 प्रतिशत, 30.5 प्रतिशत और 23.1 प्रतिशत अधिक रही है.
गुप्ता ने कहा, “आने वाले महीनों में भी, जैसे-जैसे कटाई का मौसम शुरू होगा, इसी तरह का रुझान जारी रहने की उम्मीद है. इससे India के महंगाई आउटलुक में काफी हद तक गिरावट आने की संभावना है.”
रिपोर्ट में बताया गया कि इस साल सब्जियों की कीमतों में बड़ी गिरावट देखी गई है.
अक्टूबर में प्याज की कीमतों में 51.2 प्रतिशत की गिरावट आई है. टमाटर की खुदरा कीमतों में भी अक्टूबर में 39.9 प्रतिशत की तेज गिरावट आई, जबकि सितंबर में 8.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
पिछले सात महीनों में आलू की कीमतों में भी लगातार गिरावट देखी गई है. अक्टूबर में आलू की खुदरा कीमतों में 31.3 प्रतिशत की गिरावट आई.
अन्य वस्तुओं के अलावा, प्रमुख दालों में भी अक्टूबर में अपस्फीति का रुझान जारी रहा है. दालों में तुअर की कीमत में सबसे अधिक 29.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो जनवरी 2018 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है.
–
एबीएस/
You may also like

बिहार: राहुल गांधी ने भागलपुर में रेशम बुनकरों से की मुलाकात

बिहार चुनाव के पहले चरण में पुनर्मतदान की सिफारिश नहीं: चुनाव आयोग

रात कोˈ सोने से पहले खा लें लहसुन की 1 कली सुबह होगा ऐसा कमाल कि नहीं होगा यकीन﹒

बीएसएफ और आरपीएफ ने 30 लाख रुपए से ज्यादा सोने के साथ तस्कर को किया गिरफ्तार

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कोई कमी नहीं : पंकज कुमार सिंह




