Payment: ग्लोबल पेमेंट मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. फिनटेक कंपनियों के योगदान की मदद से पेमेंट का मार्केट तेजी से बढ़ता जा रहा है और ताजा रिपोर्ट की माने तो अगले 4 सालों में यह मार्केट 2.4 ट्रिलियन डॉलर का होगा. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 2029 तक वैश्विक पेमेंट रेवेन्यू 2.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. एजेन्टिक AI, डिजिटल करेंसी और भारत के UPI जैसे रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम इस इंडस्ट्री की अगली बड़ी लहर को आकार देंगे, जिससे पैसे के लेन-देन का पूरा तरीका बदल जाएगा.
रिपोर्ट की माने तो साल 2019 से चली आ रही 8.8 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर अगले पांच सालों में घटकर 4 प्रतिशत रह सकती है. लेकिन यह धीमी ग्रोथ एक बड़े परिवर्तन का संकेत है. इंडस्ट्री के लिए अब पारंपरिक ग्रोथ के तरीके उतने प्रभावी नहीं रह गए हैं. इस बदलाव में रियल-टाइम अकाउंट-टू-अकाउंट (A2A) पेमेंट सिस्टम सबसे आगे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, A2A पेमेंट वॉल्यूम में 2024 में दुनिया भर में 40 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जो अब हर महीने 19 बिलियन से अधिक ट्रांजैक्शन प्रोसेस कर रहा है.
ये सिस्टम अब दुनिया भर में डिजिटल रिटेल पेमेंट का लगभग एक चौथाई हिस्सा बन चुके हैं. भारत और ब्राजील जैसे देशों में तो 50 प्रतिशत से भी ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन इन्हीं के जरिए हो रहे हैं. भविष्य का पेमेंट बाजार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल करेंसी से तय होगा. रिपोर्ट का अनुमान है कि एजेन्टिक AI का ई-कॉमर्स खर्च पर 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का प्रभाव पड़ सकता है. स्टेबलकॉइन का वॉल्यूम 26 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, हालांकि अभी इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए हो रहा है और रियल वर्ल्ड पेमेंट में इसकी हिस्सेदारी सिर्फ 1 प्रतिशत है.
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