Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने वकील द्वारा उनसे परामर्श किए बिना उनकी जान को खतरा होने के बारे में आवेदन दायर करने पर कड़ा संज्ञान लिया है. उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और अपनी असहमति व्यक्त की है. वकील ने कहा कि उक्त पर्सिस को वापस लेने के लिए औपचारिक आवेदन दायर करूंगा. वहीं, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘राहुल गांधी के वकील ने बिना उनसे बात किए या उनकी सहमति लिए अदालत में लिखित बयान दाखिल करके उनकी जान पर खतरे का हवाला दिया था. इस बात से राहुल गांधी की घोर असहमति है. इसलिए कल उनके वकील इस लिखित बयान को कोर्ट से वापस लेंगे.’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को दावा किया था कि उनके हालिया राजनीतिक संघर्षों और उनके खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता की वंशावली के कारण उन्हें ‘नुकसान और गलत फंसाने’ का सामना करना पड़ सकता है.लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटनाक्रम वीर सावरकर पर टिप्पणी के लिए राहुल गांधी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले के दौरान सामने आया.
कांग्रेस नेता गांधी के वकील ने बुधवार को पुणे की एक अदालत को बताया कि विनायक दामोदर सावरकर पर उनकी टिप्पणी से संबंधित मानहानि के एक मामले में शिकायतकर्ता से उन्हें जान का खतरा है. कांग्रेस नेता की तरफ से पुणे की अदालत में अर्जी दाखिल करने वाले वकील मिलिंद पवार ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भाजपा नेता आरएन बिट्टू ने राहुल गांधी को ‘आतंकवादी’ कहा है. उन्होंने कथित तौर पर यह भी बताया कि भाजपा नेता तरविंदर मारवाह ने भी राहुल गांधी को खुली धमकी देते हुए कहा था कि उन्हें ‘अच्छा व्यवहार करना चाहिए, वरना उनकी दादी जैसी ही हालत हो सकती है.’
‘उनके प्रभाव का मिसयूज किया जा सकता है’
सावरकर और गोडसे परिवारों के साथ मामले में शिकायतकर्ता सत्याकी के वंश की तरफ इशारा करते हुए पवार ने बताया कि कैसे उनके प्रभाव का मिसयूज किया जा सकता है. लाइवलॉ ने आवेदन का हवाला देते हुए बताया, ‘शिकायतकर्ता के वंश से जुड़ी हिंसक और संविधान-विरोधी प्रवृत्तियों के डॉक्यूमेंटेड इतिहास और मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए, यह साफ, उचित और आशंका है कि गांधी को विनायक सावरकर की विचारधारा को मानने वाले लोगों द्वारा नुकसान, गलत तरीके से फंसाए जाने या अन्य प्रकार के निशाने का सामना करना पड़ सकता है.’
इसमें आगे जिक्र किया गया है कि अगरचे लोकसभा में विपक्ष के नेता को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, फिर भी यह अहम है कि न्यायालय गांधी के आसपास के प्रभावों, ताकतों और असाधारण परिस्थितियों के प्रति सचेत रहे.
याचिका में आगे कहा, ‘गांधी विपक्ष के नेता के रूप में अपनी संवैधानिक क्षमता में ऐसी नीतियों के खिलाफ खड़े हैं और गरीबों व हाशिए पर पड़े लोगों के लिए आवाज उठा रहे हैं. इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जाति-आधारित चरमपंथी, राजनीतिक रूप से प्रेरित उद्योगपति, हिंदुत्व समर्थक और संवैधानिक शासन को खत्म करने के इच्छुक लोग आरोपियों के प्रति दुश्मनी पाल सकते हैं.’
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, सत्यकी सावरकर ने कथित तौर पर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जब उन्होंने मार्च 2023 में लंदन में एक भाषण दिया था. इस भाषण में उन्होंने सावरकर के लेखन में एक घटना का हवाला देते हुए कहा था कि सावरकर और अन्य लोगों ने कथित तौर पर एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया था और इसमें उन्हें ‘खुशी’ मिली थी. शिकायतकर्ता ने सावरकर के लेखन में इस तरह के लेखन के अस्तित्व पर विवाद किया है और अदालत में यह तर्क दिया है कि राहुल गांधी की टिप्पणी भ्रामक और मानहानिकारक थी.
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