मध्य प्रदेश के शिवपुरी से लापरवाही का ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसने एक बार फिर जननी एक्सप्रेस सेवा पर कई बड़े सवाल लाकर खड़े कर दिए हैं. बताया गया है कि प्रसूता और उसके परिजनों ने एंबुलेंस की दरकार के लिए एंबुलेंस सेवा पर 5 घंटे में 6 बार कॉल किया. एंबुलेंस हर बार आने का आश्वासन तो देती रही लेकिन पहुंची नहीं. जब दर्द ज्यादा बढ़ने लगे तो मजबूरी में परिवार को एक लोडिंग वाहन में प्रसूता को बिठाकर डिलीवरी के लिए अस्पताल लाना पड़ा.
इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों ने जननी एक्सप्रेस सेवा पर सवाल उठाए. मामला कोलारस विधानसभा क्षेत्र के बदरवास तहसील का है. जानकारी के अनुसार, खाईखेड़ा गांव की निवासी 24 वर्षीय पूजा धाकड़ को शुक्रवार दोपहर प्रसव पीड़ा शुरू हुई थी. इस पर उसके पति अरुण धाकड़ ने दोपहर तीन बजे पहली बार 108 नंबर पर कॉल किया और एंबुलेंस की जरूरत बताई.
इसके बाद उसने तकरीबन एंबुलेंस की दरकार के लिए पांच घंटे में छह बार फोन लगाए. बावजूद इसके एम्बुलेंस नहीं आई. पीड़ित गर्भवती के पति अरुण के मुताबिक, उसे हेल्पलाइन से हर बार यह बताया जाता रहा था कि एम्बुलेंस रास्ते में है या अभी व्यस्त है. शाम होते-होते प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी. जब प्रसूता को जननी एक्सप्रेस की सुविधा नहीं मिली तब मजबूरी में शुक्रवार रात आठ बजे 600 रुपए में गांव की एक लोडिंग वाहन किराए पर ली गई. फिर 8 किलोमीटर का सफर तय कर रात 9 बजे बदरवास अस्पताल पहुंचाया गया. इस दौरान पूजा सात घंटे तक दर्द से तड़पती रही.
क्या बोला लापरवाह सिस्टम?
इस पूरे मामले पर 108 एम्बुलेंस के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर आशीष पटेल ने सफाई देते हुए कहा कि शिवपुरी बड़ा जिला है कभी-कभी ऐसी स्थिति बन जाती है. मामले की जानकारी ली जा रही है कि आखिर एम्बुलेंस गांव क्यों नहीं पहुंची.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय ऋषीश्वर ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं.
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