वास्तु शास्त्र में दिशाओं के महत्व के बारे में विस्तार से समझाया गया है। किस दिशा में क्या करना शुभ होता है और क्या अशुभ, वास्तु में इन सब बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। वास्तु शास्त्र में ऐसे कई नियमों के बारे में बताया गया है, जिनको अगर अपने जीवन में अपनाया जाए, तो इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और व्यक्ति अपने जीवन में काफी तेजी से तरक्की हासिल करने लगता है। अगर कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन नहीं करता है तो इसके कारण उसके जीवन में कई परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं।
वास्तु के इन नियमों का पालन ना करने से मां लक्ष्मी जी भी नाराज हो जाती हैं और घर में दरिद्रता आने लगती है। जो लोग वास्तु शास्त्र में विश्वास करते हैं, वह अच्छी तरह से जानते होंगे कि दिशाओं का कितना महत्व है। दिशाओं के अनुसार सामान रखने, घर डिजाइन करने और कार्य रखने से सफलता प्राप्त होती है। आज हम आपको वास्तु शास्त्र के मुताबिक, भोजन करने के नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं।
भोजन करने की दिशावास्तु शास्त्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि भूलकर भी दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह दिशा यम की होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में अगर व्यक्ति भोजन करता है, तो इससे आयु घटती है और स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है। हमेशा अपना मुंह पूर्व या उत्तर की दिशा की तरफ करके भोजन करना चाहिए। यह दिशा देवों की मानी जाती है। इस दिशा में खाना खाने से धन की देवी माता लक्ष्मी जी का घर में वास होता है।
भोजन करने का तरीकावास्तु शास्त्र में भोजन करने का तरीका क्या है, इस बारे में भी बताया गया है। जब भी आप भोजन कर रहे हों, तो उस समय के दौरान कभी भी सिर नहीं ढकना चाहिए और हमेशा जूते-चप्पल उतार कर ही खाना खाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया जाए तो इससे भोजन का अपमान होता है और मां अन्नपूर्णा भी नाराज हो जाएंगी। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि बिस्तर पर बैठकर कभी भी खाना नहीं खाना चाहिए, वरना इसके कारण घर में धन हानि का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं बल्कि कर्ज भी बढ़ने लगता है।
भोजन करने की सही जगहवास्तु शास्त्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि भोजन करने के लिए किचन सबसे बढ़िया जगह मानी जाती है। किचन के नजदीक भी भोजन कर सकते हैं। भोजन हमेशा साफ-सफाई वाले स्थान पर ही करें। खाने की जगह शांतिपूर्ण होनी चाहिए। आप अपनी प्लेट में उतना ही भोजन लें, जितना आप खा सकें। भूलकर भी भोजन बर्बाद ना करें।
हमेशा स्नान करने के बाद भोजन करेंआपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि भोजन करने से पहले स्नान जरूर करें और फिर साफ-सुथरे कपड़े पहनने के बाद ही भोजन करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे मां लक्ष्मी और अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं। आपको बता दें कि टूटे-फूटे बर्तनों में खाना नहीं खाना चाहिए और जमीन पर हाथ रखकर खाना खाना अशुभ माना गया है।
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