Next Story
Newszop

दिलखुश कुमार: संघर्ष से सफलता की ओर बढ़ते हुए

Send Push
सफलता की कहानी

सफलता कभी भी अचानक नहीं मिलती; इसके लिए निरंतर मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। कई लोग हैं जिन्होंने अपनी मेहनत से ऊंचाइयों को छुआ है। आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में चर्चा करेंगे, जिसने पहले पटना की सड़कों पर सब्जियां बेचीं और रिक्शा चलाया।


एक सफल उद्यमी image

आज वही व्यक्ति करोड़ों की कंपनी का मालिक है। हम दिलखुश कुमार की बात कर रहे हैं, जो 'आर्य गो कैब सर्विस' के संस्थापक हैं। उन्होंने कठिन परिश्रम से समाज में अपनी पहचान बनाई और कई लोगों को रोजगार भी दिया।


रिजेक्शन से प्रेरणा

रिजेक्शन के बाद शुरू की खुद की कंपनी


image

दिलखुश कुमार सहरसा जिले के बनगांव के निवासी हैं, जिनके पिता बस चालक हैं। उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की और पटना में चपरासी की नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया, लेकिन असफल रहे। इसके बाद उन्होंने कई जगहों पर रिजेक्शन का सामना किया।


रोडबेज़ की शुरुआत image

दिलखुश ने 'रोडबेज़' नामक एक डेटाबेस कंपनी की स्थापना की, जो बिहार में टैक्सी सेवाएं प्रदान करती है। यह कंपनी ओला और उबर से भिन्न है, क्योंकि यह केवल उन लोगों को सेवा देती है जो 50 किमी से अधिक यात्रा करना चाहते हैं।


सफलता की ओर कदम image

दिलखुश ने बताया कि उनकी कंपनी ने ग्राहकों को 40% तक किराए में कमी दिलाई है। पहले जो किराया 4000 रुपए था, वह अब 2200 से 2400 रुपए तक आ गया है।


रोडबेज़ का विचार

ऐसे आया था रोडबेज का विचार


image

दिलखुश ने कहा कि उनका अनुभव ड्राइविंग क्षेत्र में रहा है। उन्होंने पहले 'आर्या गो कैब' की शुरुआत की, लेकिन बाद में रोडबेज़ का विचार आया। उन्होंने एक सेकंड हैंड नैनो कार से रोडबेज़ की शुरुआत की।


संघर्षों की याद

संघर्षों को याद कर इमोशनल हुए दिलखुश


image

दिलखुश ने अपने संघर्षों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली में रिक्शा चलाया और पटना में सब्जी बेची। जब उन्हें चपरासी की नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने अपने पिता से ड्राइविंग सीखी।


Loving Newspoint? Download the app now