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अनन्या पांडे: एक डॉक्टर बनने का सपना और बॉलीवुड में सफलता

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अनन्या पांडे का जन्मदिन और करियर

किस्मत के आगे किसी की नहीं चलती। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे सितारे हैं, जिन्होंने कभी एक्टर बनने का ख्याल भी नहीं किया था, लेकिन किस्मत ने उन्हें इस क्षेत्र में ला खड़ा किया। कुछ ऐसे भी कलाकार हैं, जिन्हें अपने माता-पिता के नाम से जाना जाता है, लेकिन अब उन्होंने अपनी पहचान बना ली है। आज हम एक ऐसी अभिनेत्री की बात कर रहे हैं, जो 30 अक्टूबर को अपना 26वां जन्मदिन मना रही हैं।


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यह अभिनेत्री लगातार फिल्मों में सक्रिय हैं। कुछ फिल्में रिलीज हो चुकी हैं, जबकि कुछ जल्द ही आने वाली हैं। पांडे परिवार इस समय कई कारणों से चर्चा में है, लेकिन आज हम उस परिवार की बेटी के बारे में बात करेंगे, जो हमेशा से डॉक्टर बनना चाहती थीं। समय के साथ उनके दादा का सपना कैसे पीछे छूट गया और उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा।


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हम बात कर रहे हैं अनन्या पांडे की, जो आज (30 अक्टूबर) अपना जन्मदिन मना रही हैं। हाल ही में उन्होंने अक्षय कुमार की फिल्म 'केसरी चैप्टर 2' में बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसके लिए उन्हें प्रशंसा मिली। इसके अलावा, उन्होंने लक्ष्य के साथ एक फिल्म पूरी की है और कार्तिक आर्यन की फिल्म का भी हिस्सा हैं। लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि एक्ट्रेस ने डॉक्टर बनने का सपना कब देखा था, जो अधूरा रह गया।


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अनन्या पांडे ने 2019 में 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' से बॉलीवुड में कदम रखा। लेकिन अभिनय में आने से पहले, वह मेडिसिन की पढ़ाई करना चाहती थीं। उनका सपना था कि वह एनिमल डॉक्टर बनें। हालांकि, जब उन्हें फिल्मों में काम करने का प्रस्ताव मिला, तो उन्होंने अपने पुराने सपनों को छोड़कर नए रास्ते पर चलने का निर्णय लिया।


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चंकी पांडे अपनी बेटी अनन्या की सफलता को देखकर भावुक होते हैं। उनका परिवार पहले से ही चर्चा में रहा है। अनन्या के दादा, शरद पांडे, एक प्रसिद्ध हार्ट सर्जन थे, जिन्होंने कनाडा में सर्जरी में मास्टर किया। उनके दादा का चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।


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अनन्या के दादा भारत में पहले हार्ट ट्रांसप्लांट करने वाली टीम का हिस्सा थे। 1988 में मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल में यह ऑपरेशन हुआ था। वे ब्लडलेस हार्ट सर्जरी के विशेषज्ञ थे और अपने करियर में कई सफल ऑपरेशन किए। अनन्या ने अपने दादा को देखकर डॉक्टर बनने का सपना देखा था, लेकिन बाद में उनका करियर एक अलग दिशा में चला गया।


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अनन्या अपनी दादी के काफी करीब थीं, जिनका 2021 में निधन हो गया। हर जन्मदिन पर वह अपनी दादी को याद करती हैं। उन्होंने एक बार लिखा था कि अगर दादी होतीं, तो बहुत खुश होतीं।


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