नई दिल्ली: बवासीर, जिसे पाइल्स भी कहा जाता है, गुदा और मलाशय के क्षेत्र में होने वाली एक गंभीर समस्या है। इसमें गुदा के आस-पास की नसों में सूजन आ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप गांठें बन जाती हैं।
बवासीर के प्रकार और उपचार
बवासीर का समय पर इलाज न कराने पर सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। यह दो मुख्य प्रकारों में होती है: आंतरिक और बाहरी। दोनों प्रकार में दर्द, जलन, रक्तस्राव और खुजली जैसे लक्षण शामिल होते हैं। आमतौर पर, इसका इलाज दवाओं या सर्जरी से किया जाता है, लेकिन आयुर्वेद में कुछ घरेलू उपाय भी बताए गए हैं, जो बवासीर के मस्सों को महज दो दिन में खत्म कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक उपाय
बवासीर के लिए देसी उपाय: भांग के ताजे पत्तों का उपयोग बवासीर के इलाज में बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए भांग के पत्तों को अच्छे से धोकर, पीसकर एक पतला पेस्ट बनाएं। इसमें दही मिलाकर इसे मलहम जैसा बना लें। इस मिश्रण को फ्रिज में रखकर, शौच के बाद अपने गुदा मार्ग पर लगाएं। यह उपाय बवासीर के सभी प्रकार के मस्सों और जलन को दूर करने में सहायक है।
स्वास्थ्य के लिए एक्सरसाइज
एक्सरसाइज का महत्व: कब्ज के कारण मल त्याग में कठिनाई होती है, जिससे गुदा और मलाशय की नसों पर दबाव बढ़ता है। लंबे समय तक बैठना, कम फाइबर वाला भोजन, गर्भावस्था, मोटापा, अत्यधिक मसालेदार भोजन, पानी की कमी और आनुवंशिक कारण भी बवासीर का कारण बन सकते हैं। बवासीर से बचने के लिए फाइबर युक्त आहार, पर्याप्त पानी पीना, लंबे समय तक न बैठना और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करना आवश्यक है। गर्म पानी से सिकाई करने से भी राहत मिल सकती है।
You may also like
SSC EXAM में पूछा, कौन सी चीज है जिसको लड़कियां खाती भी है और पहनती भी है
ताजमहल के रहस्यमय दरवाजे: क्या छिपा है इसके अंदर?
क्या सच में झूठ बोलने पर कौआ काटता है? जानें इसके पीछे की सच्चाई
ताजमहल का वो दरवाजा जिसे खोलने से सरकार भी डरती है
देश में इन 5 जगहों पर सबसे ज्यादा हैं प्रोपर्टी के रेट, 1 गज जमीन खरीदने में भी अमीरों के छूट जाते हैं पसीने