भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स में हाल ही में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। जहां एक तरफ सोने के भंडार का वैल्यू ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुका है तो वहीं टोटल रिजर्व्स में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है। आपको बता दे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में भारी उछाल के चलते यह परिवर्तन देखने को मिला है।
गोल्ड का वैल्यूभारतीय रिज़र्व बैंक के गोल्ड रिजर्व्स पहली बार $100 अरब डॉलर से ऊपर चला गया है। 10 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में इसमें $3.6 अरब की बढ़ोतरी देखने को मिली और टोटल गोल्ड का वैल्यू $102 अरब पर पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत $4,000 प्रति औंस के ऐतिहासिक उच्च स्तर तक पहुंचने के कारण हुई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार देखा जाए तो यह अब तक की सबसे ऊंची कीमत है। यह साफ बताता है कि ग्लोबल इकोनॉमिक अनसर्टेंटीज़ और इन्वेस्टर्स की जोखिम से बचने की ट्रेंड के चलते सोने की डिमांड और वैल्यू दोनों में वृद्धि हुई है। रिज़र्व बैंक के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है क्योंकि इससे रिजर्व्स में मजबूती और विविधता आती है।
मामूली गिरावट
वैसे तो गोल्ड में बढ़त दर्ज की गई है लेकिन आरबीआई के टोटल फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स में $2 अरब की गिरावट आई है। यह रिजर्व्स अब घटकर $697.7 अरब पर आ गया है। इसका मुख्य कारण फॉरेन करेंसी की चीज़ो में $5.6 अरब की कमी है जो अब $572 अरब की रह गई हैं। फिर भी टोटल रिजर्व्स अभी भी सितंबर के मध्य में दर्ज $702 अरब के रिकॉर्ड स्तर के करीब है। लेकिन इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है जो ग्लोबल मार्केट्स में उतार-चढ़ाव और डॉलर के मजबूत होने से जुड़ी हो सकती है।
गोल्ड का वैल्यूभारतीय रिज़र्व बैंक के गोल्ड रिजर्व्स पहली बार $100 अरब डॉलर से ऊपर चला गया है। 10 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में इसमें $3.6 अरब की बढ़ोतरी देखने को मिली और टोटल गोल्ड का वैल्यू $102 अरब पर पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत $4,000 प्रति औंस के ऐतिहासिक उच्च स्तर तक पहुंचने के कारण हुई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार देखा जाए तो यह अब तक की सबसे ऊंची कीमत है। यह साफ बताता है कि ग्लोबल इकोनॉमिक अनसर्टेंटीज़ और इन्वेस्टर्स की जोखिम से बचने की ट्रेंड के चलते सोने की डिमांड और वैल्यू दोनों में वृद्धि हुई है। रिज़र्व बैंक के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है क्योंकि इससे रिजर्व्स में मजबूती और विविधता आती है।
मामूली गिरावट
वैसे तो गोल्ड में बढ़त दर्ज की गई है लेकिन आरबीआई के टोटल फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स में $2 अरब की गिरावट आई है। यह रिजर्व्स अब घटकर $697.7 अरब पर आ गया है। इसका मुख्य कारण फॉरेन करेंसी की चीज़ो में $5.6 अरब की कमी है जो अब $572 अरब की रह गई हैं। फिर भी टोटल रिजर्व्स अभी भी सितंबर के मध्य में दर्ज $702 अरब के रिकॉर्ड स्तर के करीब है। लेकिन इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है जो ग्लोबल मार्केट्स में उतार-चढ़ाव और डॉलर के मजबूत होने से जुड़ी हो सकती है।
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