क्या आप सोच रहे हैं कहां निवेश करें, शेयरों में या बॉन्ड्स में? क्यों न दोनों का फायदा एक साथ उठाया जाए? हाइब्रिड म्यूचुअल फंड ऐसा ही एक ऑप्शन है, जहां आपका पैसा शेयर (Equity) और बॉन्ड (Debt) दोनों में निवेश किया जाता है. कुछ फंड तो सोना और रियल एस्टेट जैसी चीजों में भी थोड़ा निवेश करते हैं.इस तरह के फंड्स का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये ज्यादा रिटर्न देने की कोशिश करते हैं, लेकिन पूरी तरह जोखिम नहीं उठाते. मतलब, न बहुत रिस्की और न बहुत सेफ बल्कि दोनों का बैलेंस. अगर आप निवेश में बहुत ज्यादा उलझना नहीं चाहते लेकिन फिर भी शेयर और बॉन्ड दोनों का फायदा लेना चाहते हैं, तो हाइब्रिड फंड्स एक आसान और समझदारी भरा ऑप्शन हो सकते हैं. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में 7 अलग-अलग कैटेगरी होते हैं मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI ने Hybrid Mutual Funds को 7 अलग-अलग कैटेगरी में बांटा है. यह इस आधार पर किया गया है कि फंड का पैसा किस अनुपात में शेयर और बॉन्ड में लगाया जाता है. आइए सभी के बारे में एक-एक करके जानते हैं. एग्रेसिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंडइस फंड में निवेश करने वाले निवेशकों का ज्यादातर पैसा शेयरों (65-80%) में लगाया जाता है और 20-35% अमाउंट बॉन्ड्स में निवेश किया जाता है. यह फंड ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखता है, लेकिन इसके साथ जोखिम भी ज्यादा होता है. यह उन निवेशकों के लिए सही है जो लंबी अवधि में निवेश करना चाहते हैं और उतार-चढ़ाव झेल सकते हैं. कंजर्वेटिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंडकंजर्वेटिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंड का फोकस सेफ्टी पर होता है. इस फंड में निवेश करने वाले निवेशकों का ज्यादातर पैसा शेयरों (75-90%) बॉन्ड्स में निवेश किया जाता है और 10-25% पैसा शेयरों में निवेश किया जाता है. कम जोखिम और स्टेबल रिटर्न चाहने वाले निवेशकों के लिए यह एक अच्छा ऑप्शन है. बैलेंस हाइब्रिड म्यूचुअल फंडयह म्यूचुअल फंड शेयर और बॉन्ड में लगभग बराबर (40-60%) निवेश करता है. यह फंड उन लोगों के लिए अच्छा है जो जोखिम और रिटर्न का संतुलन बनाए रखना चाहते हैं. मल्टी एसेट अलोकेशन म्यूचुअल फंडइस फंड में कम से कम तीन अलग-अलग प्रकार की एसेट क्लास में निवेश किया जाता है — जैसे शेयर, बॉन्ड, और सोना. हर एसेट में कम से कम 10% निवेश जरूरी होता है. यह फंड डाइवर्सिफिकेशन के जरिए जोखिम को कम करने में मदद करता है. डायनेमिक एसेट एलोकेशन / बैलेंस्ड एडवांटेज फंडइस फंड की खासियत है कि यह बाजार की स्थिति के अनुसार शेयर और बॉन्ड में निवेश का अनुपात बदलता रहता है. अगर बाजार चढ़ रहा हो तो शेयरों में ज्यादा निवेश करेगा, और अगर बाजार गिर रहा हो तो बॉन्ड्स में. कम जानकारी वाले निवेशकों के लिए यह एक ऑटो-पायलट टाइप ऑप्शन है. आर्बिट्राज फंडयह फंड शेयर बाजार के कीमतों के अंतर (प्राइस डिफरेंस) से मुनाफा कमाने की कोशिश करता है. इसमें कम से कम 65% हिस्सा इक्विटी में होता है, लेकिन बहुत कम जोखिम के साथ. यह फंड उन लोगों के लिए ठीक है जो शेयरों में निवेश करना चाहते हैं लेकिन ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते. इक्विटी सेविंग्स फंडइस फंड में शेयर, बॉन्ड और डेरिवेटिव्स का मिलाजुला निवेश होता है. कम से कम 65% इक्विटी, 10% बॉन्ड्स और बाकी डेरिवेटिव्स में होता है. यह फंड कम रिस्क और स्टेबल रिटर्न देने की कोशिश करता है.
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