OpenAI ने अपना नया AI-बेस्ड वेब ब्राउजर “ChatGPT Atlas” लॉन्च किया है, जो ChatGPT चैटबॉट पर आधारित है। इसका लॉन्च ऐसे समय में हुआ है जब वेब ब्राउजर मार्केट में Google का दबदबा है। फिलहाल यह macOS यूजर्स के लिए उपलब्ध है, और जल्द ही Windows, iOS और Android पर भी आएगा। OpenAI का कहना है कि Atlas यूजर की ब्राउजिंग डेटा को ट्रेनिंग में इस्तेमाल नहीं करता है। यूजर खुद तय कर सकते हैं कि ChatGPT किन वेबसाइट्स तक पहुंच पाए। साथ ही, वे चाहें तो अपनी ब्राउजिंग हिस्ट्री डिलीट कर सकते हैं या “Incognito Mode” में एक्टिविटी रोक सकते हैं। “Agent Mode” पर भी सीमाएं हैं, यह कोड नहीं चलाता, फाइल डाउनलोड नहीं करता और बिना अनुमति किसी फाइनेंशियल साइट पर काम नहीं करता है।
Atlas के फीचर्सChatGPT Sidebar: किसी भी वेबसाइट के साथ खुलने वाला साइडबार, जिससे यूजर आर्टिकल का सारांश, कंटेंट एनालिसिस या रियल-टाइम एडिटिंग कर सकते हैं। “Cursor Chat” से टेक्स्ट हाइलाइट कर सीधे सुधार करवाना आसान होता है। Browser Memories: ChatGPT अब वेबसाइट विजिट के दौरान ज़रूरी कॉन्टेक्स्ट याद रख सकता है। यूजर तय कर सकते हैं कि कौन-सी जानकारी सेव या डिलीट करनी है। Agent Mode (प्रीव्यू): Plus, Pro और Business यूजर्स के लिए उपलब्ध फीचर, जिसमें ChatGPT आपकी जगह काम कर सकता है। जैसे बुकिंग, खरीदारी, रिसर्च या एडिटिंग और यूजर इसे मॉनिटर या रोक सकते हैं। AI ब्राउजर मार्केट में बढ़ी प्रतिस्पर्धाAtlas के लॉन्च से AI-पावर्ड ब्राउजर की रेस और तेज हो गई है। लॉन्च की घोषणा के तुरंत बाद Google के शेयर 2.21% गिर गए, जो इस कदम का सीधा असर माना जा रहा है। Atlas के मुख्य प्रतिद्वंदी ब्राउजर हैं-
Comet (Perplexity): जुलाई में लॉन्च हुआ यह चैटबॉट-स्टाइल ब्राउजर ईमेल समरी, वेब ब्राउज़िंग और कैलेंडर इनवाइट भेजने जैसे काम कर सकता है। फिलहाल यह $200/महीना वाले प्रीमियम प्लान पर ही उपलब्ध है।
Opera Neon: Opera का नया AI ब्राउजर, जो ऑफलाइन मोड में भी काम कर सकता है। यह शॉपिंग, कोडिंग और रिसर्च जैसे कामों के लिए डिज़ाइन किया गया है। अभी बीटा वर्ज़न में है और इसके लिए वेटलिस्ट खुली है।
SigmaOS: यह Mac-only ब्राउजर प्रोडक्टिविटी पर फोकस करता है। टैब्स को टु-डू लिस्ट की तरह दिखाता है और फ्री वर्ज़न के साथ $8/महीना वाला सब्सक्रिप्शन भी देता है।
Brave: सबसे पॉपुलर प्राइवेसी-फोकस्ड ब्राउजर। यह ऐड्स और ट्रैकर्स को ब्लॉक करता है और अपने यूजर्स को BAT (क्रिप्टोकरेंसी) में रिवॉर्ड देता है। इसमें VPN और AI असिस्टेंट जैसे फीचर भी हैं।
Zen Browser: यह एक ओपन-सोर्स ब्राउजर है जो “साइलेंट इंटरनेट” अनुभव देने का दावा करता है। इसमें टैब ग्रुपिंग, स्प्लिट व्यू और कम्युनिटी थीम्स जैसी सुविधाएं हैं।
Vivaldi: पूर्व Opera डेवलपर द्वारा बनाया गया ब्राउजर, जो पूरी तरह कस्टमाइजेबल है। इसमें कैलेंडर, नोट्स, ऐड ब्लॉकर और पासवर्ड मैनेजर जैसे टूल्स हैं।
OpenAI की भविष्य की तैयारीAtlas के लॉन्च से यह साफ है कि OpenAI अब सिर्फ चैटबॉट तक सीमित नहीं रहना चाहता है। कंपनी पहले Google Chrome खरीदने की योजना पर विचार कर रही थी, अगर कोर्ट Google को Chrome बेचने का आदेश देता। हालांकि हालिया फैसले में कहा गया कि ChatGPT जैसे AI चैटबॉट्स से पहले ही Google पर पर्याप्त प्रतिस्पर्धी दबाव है, इसलिए Chrome बेचने की जरूरत नहीं है।
Atlas के फीचर्स
Comet (Perplexity): जुलाई में लॉन्च हुआ यह चैटबॉट-स्टाइल ब्राउजर ईमेल समरी, वेब ब्राउज़िंग और कैलेंडर इनवाइट भेजने जैसे काम कर सकता है। फिलहाल यह $200/महीना वाले प्रीमियम प्लान पर ही उपलब्ध है।
Opera Neon: Opera का नया AI ब्राउजर, जो ऑफलाइन मोड में भी काम कर सकता है। यह शॉपिंग, कोडिंग और रिसर्च जैसे कामों के लिए डिज़ाइन किया गया है। अभी बीटा वर्ज़न में है और इसके लिए वेटलिस्ट खुली है।
SigmaOS: यह Mac-only ब्राउजर प्रोडक्टिविटी पर फोकस करता है। टैब्स को टु-डू लिस्ट की तरह दिखाता है और फ्री वर्ज़न के साथ $8/महीना वाला सब्सक्रिप्शन भी देता है।
Brave: सबसे पॉपुलर प्राइवेसी-फोकस्ड ब्राउजर। यह ऐड्स और ट्रैकर्स को ब्लॉक करता है और अपने यूजर्स को BAT (क्रिप्टोकरेंसी) में रिवॉर्ड देता है। इसमें VPN और AI असिस्टेंट जैसे फीचर भी हैं।
Zen Browser: यह एक ओपन-सोर्स ब्राउजर है जो “साइलेंट इंटरनेट” अनुभव देने का दावा करता है। इसमें टैब ग्रुपिंग, स्प्लिट व्यू और कम्युनिटी थीम्स जैसी सुविधाएं हैं।
Vivaldi: पूर्व Opera डेवलपर द्वारा बनाया गया ब्राउजर, जो पूरी तरह कस्टमाइजेबल है। इसमें कैलेंडर, नोट्स, ऐड ब्लॉकर और पासवर्ड मैनेजर जैसे टूल्स हैं।
OpenAI की भविष्य की तैयारीAtlas के लॉन्च से यह साफ है कि OpenAI अब सिर्फ चैटबॉट तक सीमित नहीं रहना चाहता है। कंपनी पहले Google Chrome खरीदने की योजना पर विचार कर रही थी, अगर कोर्ट Google को Chrome बेचने का आदेश देता। हालांकि हालिया फैसले में कहा गया कि ChatGPT जैसे AI चैटबॉट्स से पहले ही Google पर पर्याप्त प्रतिस्पर्धी दबाव है, इसलिए Chrome बेचने की जरूरत नहीं है।
You may also like
ट्रंप ने H-1B की फीस बढ़ाकर भारतीय छात्रों को दिया 'गिफ्ट', यहां समझें कैसे अब US में भर-भरकर मिलेगी जॉब
जीवन में खेलों के प्रति जुनून और अनुशासन विकसित करें: एलजी कविंदर गुप्ता –
दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की स्टैनफोर्ड सूची में भारतीय डॉक्टरों का शामिल होना गर्व की बात: पीयूष गोयल –
तृणमूल ने प्राकृतिक आपदा के बाद पश्चिम बंगाल को धनराशि जारी न करने पर केंद्र पर साधा निशाना
जेएनयू में अलोकतांत्रिक ईसी नियुक्तियों पर विवाद, एबीवीपी ने कुलपति से की निष्पक्ष जांच की अपील