एक व्यक्ति अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर था. उसने जीवन भर कठोर परिश्रम किया. हालांकि वह ज्यादा धन नहीं कमा पाया. उसकी पत्नी बहुत दिन पहले ही मर गई थी. जब उसे लगने लगा कि अब वह ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रहेगा तो उसने अपने बच्चों को बुलाकर कहा कि मैं तुम्हें 4 अनमोल रतन देना चाहता हूं. अगर तुम इन रत्नों को अपने साथ रखोगे तो कभी दुखी नहीं रहोगे.
पहला रत्न है क्षमा
उस वृद्ध ने अपने बच्चों को कहा तुम्हें कोई कुछ भी कहे, तुम कभी उनकी बातों को अपने दिल में मत रखना. ना ही किसी से बदला लेने की सोचना. तुम उसे क्षमा कर देना.
दूसरा रत्न है भूलना
पिता ने आगे कहा कि तुम्हें कोई बुरा भला कहे तो उसे क्षमा कर देना और उसके द्वारा कही गई बातों को भूल जाना तो तुम्हारे मन में बदला लेने की भावना नहीं आएगी.
तीसरा रत्न है भरोसा
चाहे अच्छा समय हो या बुरा हर, परिस्थिति में भगवान के ऊपर और अपनी मेहनत पर भरोसा रखना. भगवान अपने भक्तों को हर संकट से बाहर निकालते हैं.
चौथा रत्न है वैराग्य
जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है. इसीलिए कभी छल कपट मत करना, ना किसी को धोखा देना, क्योंकि मृत्यु के बाद सब कुछ यहीं रह जाता है. कोई अपने साथ कुछ भी नहीं ले जा पाता.
You may also like
गिल को इंग्लैंड दौरे में अपनी बल्लेबाजी का तरीका नहीं बदलना चाहिए: पुजारा
झारखंड पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बोले, “भगवान बिरसा मुंडा का संघर्ष हमें प्रेरित करता रहेगा”
Jasprit Bumrah: India's Bowling Star Faces Captaincy Dilemma
Natural Kajal DIY : घर पर बनाएं शुद्ध काजल सिर्फ दो चीजों से, पाएं आंखों को चमत्कारी लाभ
Pakistanis Arrested In America: अमेरिका में एफबीआई के हत्थे चढ़े दो पाकिस्तानी, धोखाधड़ी से दूसरों को वीजा दिलाने समेत लगे ये गंभीर आरोप